Edited By Archna Sethi,Updated: 11 Aug, 2025 10:43 AM

देश की राजनीति में अचानक एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है – पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आखिर कहां हैं? शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर यह सवाल उठाया है। इस पत्र में उन्होंने धनखड़ के ठिकाने,...
नेशनल डेस्क: देश की राजनीति में अचानक एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है – पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आखिर कहां हैं? शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर यह सवाल उठाया है। इस पत्र में उन्होंने धनखड़ के ठिकाने, स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। संजय राउत ने दावा किया है कि उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद से न तो जगदीप धनखड़ की कोई जानकारी सामने आई है और न ही किसी से उनकी बातचीत हो पाई है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा के कुछ सदस्य सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं।
21 जुलाई को दिया था इस्तीफा, अब तक कोई सूचना नहीं
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने इसके पीछे खराब स्वास्थ्य का कारण बताया था। हालांकि, उनके इस्तीफे के बाद से ही उनकी लगातार अनुपस्थिति ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। आम जनता से लेकर मीडिया और विपक्षी दलों तक सभी यह जानना चाह रहे हैं कि धनखड़ जी इस वक्त कहां हैं, क्या वह स्वस्थ हैं, उनसे संपर्क क्यों नहीं हो पा रहा और क्या वह सुरक्षित हैं? इन तमाम सवालों का जवाब जानने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब तक सरकार या किसी भी आधिकारिक स्रोत की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। यही चुप्पी इस पूरे मामले को और भी रहस्यमयी बना रही है।
राउत ने क्या कहा अपने पत्र में?
संजय राउत ने अपने पत्र में लिखा-“पूर्व उपराष्ट्रपति से या उनके किसी भी स्टाफ से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। अगर कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर रहा हो, और उसके बारे में देश को कोई जानकारी न हो, तो यह लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है।” राउत ने आगे कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल करने से पहले गृह मंत्री से सीधी जानकारी मांगना उचित समझा।
संजय राउत ने यह चिट्ठी अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर भी साझा की। उन्होंने सवाल किया कि “क्या हमें यह जानने का अधिकार नहीं है कि देश के पूर्व उपराष्ट्रपति कहां हैं और उनकी हालत कैसी है?” उन्होंने यह भी बताया कि राज्यसभा के कई सदस्य इस विषय को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही न्यायिक रास्ता अपना सकते हैं।
विपक्ष के मन में संदेह क्यों?
इस पूरे मामले में शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे भी पहले ही सवाल उठा चुके हैं। पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा-“पूर्व उपराष्ट्रपति कहां हैं? उनकी तबीयत कैसी है? इस्तीफे के बाद से वह सार्वजनिक रूप से क्यों नहीं दिखे? यह मुद्दा गंभीर है और संसद में चर्चा का विषय होना चाहिए।” धनखड़ का अचानक इस्तीफा और फिर किसी प्रकार की सार्वजनिक उपस्थिति न होना संदेह को जन्म देता है। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि कहीं उनके इस्तीफे के पीछे कोई दबाव या साजिश तो नहीं? राउत ने यह भी कहा कि अगर गृह मंत्रालय से जल्द ही जवाब नहीं मिला तो वे और उनके सहयोगी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
क्या है हैबियस कॉर्पस याचिका?
हैबियस कॉर्पस (Habeas Corpus) एक कानूनी प्रक्रिया है जो किसी भी व्यक्ति के लापता होने या अवैध हिरासत में होने पर न्यायालय से उसे पेश करने की मांग करती है। अगर राउत और अन्य सांसद यह याचिका दाखिल करते हैं तो सरकार को जवाब देना होगा कि धनखड़ कहां हैं और क्या वे सुरक्षित हैं।
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