Edited By Rohini Oberoi,Updated: 26 Sep, 2025 04:37 PM

भारत में महिला सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए कई राज्यों की सरकारें अब डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजनाएँ चला रही हैं। इन योजनाओं का मकसद महिलाओं को हर महीने एक निश्चित राशि देकर उनके घरेलू खर्चों में सहायता करना और उन्हें...
नेशनल डेस्क। भारत में महिला सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए कई राज्यों की सरकारें अब डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजनाएँ चला रही हैं। इन योजनाओं का मकसद महिलाओं को हर महीने एक निश्चित राशि देकर उनके घरेलू खर्चों में सहायता करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। हरियाणा में हाल ही में शुरू हुई दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना इसी दिशा में एक नया कदम है।
प्रमुख सरकारी योजनाओं में मिलने वाली मासिक सहायता
भारत के तीन प्रमुख राज्यों की योजनाओं में महिलाओं को हर महीने कितनी आर्थिक सहायता मिलती है इसकी तुलना नीचे दी गई है:
| योजना का नाम |
राज्य सरकार |
मासिक सहायता राशि |
मुख्य उद्देश्य |
| मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना |
झारखंड |
₹2,500 |
आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को नकद सहायता। |
| दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना |
हरियाणा |
₹2,100 |
25 सितंबर 2025 को शुरू हुई, सीधे बैंक खाते में भुगतान। |
| माझी लाडकी बहिन योजना |
महाराष्ट्र |
₹1,500 |
21 से 65 वर्ष की कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को सहायता। |
महिलाओं को सबसे ज़्यादा पैसे देने वाली सरकार
लाडो लक्ष्मी, लाडकी बहिन और मईया सम्मान योजनाएँ तीनों ही महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की शानदार पहल हैं। इनमें:
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झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना महिलाओं को प्रतिमाह ₹2,500 देकर सबसे ज़्यादा आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह राशि दिसंबर 2024 में ₹1,000 से बढ़ाकर ₹2,500 की गई थी।
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हरियाणा सरकार की दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना ₹2,100 प्रतिमाह की सहायता राशि के साथ दूसरे स्थान पर है। यह योजना 25 सितंबर 2025 को शुरू हुई है और इसकी पहली किस्त 1 नवंबर 2025 से मिलेगी।
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महाराष्ट्र सरकार की माझी लाडकी बहिन योजना प्रतिमाह ₹1,500 की सहायता देती है। भले ही यह राशि इन तीनों में सबसे कम है लेकिन इस योजना से अब तक कुल 2.52 करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ मिल चुका है जो इसे सबसे अधिक लाभार्थियों वाली योजना बनाती है।
सभी योजनाओं का अंतिम लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है हालाँकि उनकी पात्रता शर्तें और सहायता राशि अलग-अलग हैं।