Edited By Utsav Singh,Updated: 08 Aug, 2024 04:53 PM
खालिदा जिया बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख हैं और उनके पति जियाउर रहमान 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे थे। जियाउर रहमान की हत्या के बाद, खालिदा जिया ने राजनीति में कदम रखा और 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री...
नेशनल डेस्क : बांग्लादेश में पिछले दो महीनों से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के दबाव में आकर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार, 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत चली गईं। इस राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दिया। खालिदा जिया को 2018 में भ्रष्टाचार के एक मामले में 17 साल की कारावास की सजा सुनाई गई थी, और वे कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से घर में नजरबंद थीं। राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने संसद को भंग करने और एक अंतरिम सरकार के गठन की भी घोषणा की है।
कौन हैं खालिदा जिया और क्या है उनकी योजनाएं
खालिदा जिया को रिहा किए जाने के बाद, उन्हें उनका पासपोर्ट भी वापस कर दिया गया है। रिहा होने के बाद उनकी पहली योजना इलाज के लिए विदेश जाने की है। खालिदा जिया बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख हैं और उनके पति जियाउर रहमान 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे थे। जियाउर रहमान की हत्या के बाद, खालिदा जिया ने राजनीति में कदम रखा और 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। खालिदा जिया 1996 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं थीं, हालांकि यह सरकार केवल 12 दिनों तक ही चल सकी।
शेख हसीना पहली बार PM बनीं
अवामी लीग और अन्य प्रमुख विपक्षी दलों ने चुनाव को अनुचित बताते हुए विरोध किया। इसके बाद एक कार्यवाहक सरकार स्थापित की गई और फिर से आम चुनाव कराए गए, जिसमें अवामी लीग विजयी हुई और शेख हसीना पहली बार प्रधानमंत्री बनीं। 2001 में हुए आम चुनाव में खालिदा जिया की पार्टी ने चार दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने में सफल रहीं। वह 2001 से 2006 तक प्रधानमंत्री रहीं। 2006 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक साल बाद उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेज दिया गया। उन्होंने अपने खिलाफ दायर सभी मामलों को राजनीति से प्रेरित करार दिया। खालिदा जिया और शेख हसीना के बीच प्रधानमंत्री पद को लेकर पिछले कई दशकों से चल रही प्रतिद्वंद्विता के कारण बांग्लादेश की जनता इसे 'बेगमों की लड़ाई' कहती है।
भारत के लिए चिंताजनक परिदृश्य
अगर खालिदा जिया बांग्लादेश की अगली प्रधानमंत्री बनती हैं, तो यह भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है। उनके पिछले प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान, भारत-बांग्लादेश संबंध तनावपूर्ण रहे थे। खालिदा जिया की पार्टी BNP में कट्टरपंथी तत्व सक्रिय हैं और उन्हें पाकिस्तान और चीन के प्रति झुकाव के लिए जाना जाता है। उनकी सत्ता में वापसी भारत के लिए इसलिए भी चिंताजनक हो सकती है क्योंकि खालिदा जिया की नीति और विचारधारा की वजह से बांग्लादेश-भारत संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। खालिदा जिया को पाकिस्तान और चीन का समर्थक माना जाता है, और अगर वे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनती हैं, तो यह पाकिस्तान और चीन के लिए सकारात्मक खबर हो सकती है, लेकिन भारत के लिए स्थिति कठिन हो सकती है।
भविष्य की अनिश्चितता
फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, लेकिन खालिदा जिया की रिहाई और उनकी संभावित राजनीतिक वापसी से स्थिति में बदलाव की संभावना बनी हुई है। इस समय बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता है और आगामी चुनावों के लिए तैयारियों की दिशा में कोई निश्चितता नहीं है। आपको बता दें कि बतौर प्रधानमंत्री खालिदा जिया केवल दो बार भारत के आधिकारिक दौरे पर आईं हैं। उन्होंने सबसे पहले 26 से 28 मई 1992 को भारत का दौरा किया। इसके बाद 20 से 22 मार्च 2006 को उन्होंने भारत का दौरा किया था। वहीं, अपने दोनों कार्यकाल के दौरान उन्होंने चार बार पाकिस्तान और दो बार चीन की यात्रा की। इस बात से खालिदा का चीन और पाकिस्तान प्रेम साफ झलकता है।
इस प्रकार, बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में खालिदा जिया की रिहाई और उनकी संभावित राजनीतिक वापसी ने एक नया मोड़ ला दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश की आगामी राजनीति किस दिशा में जाती है और इसका भारत-बांग्लादेश संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है।