Gold Rate: अचानक क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम? जानें कितना महंगा होगा और कब आएगी गिरावट

Edited By Updated: 24 Sep, 2025 07:46 PM

why gold rates are increasing and when will they drop

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें सोमवार को पहली बार 3,600 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गईं। अमेरिका में कमजोर नौकरी आंकड़ों के बाद फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने सोने की मांग बढ़ाई। कमजोर डॉलर, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और...

नेशनल डेस्कः अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों ने सोमवार को पहली बार 3,600 डॉलर प्रति औंस का ऐतिहासिक स्तर पार कर लिया है। अमेरिका में कमजोर रोजगार आंकड़ों के बाद फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ने से सोने की मांग तेज हुई है। इसके साथ ही वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी भी इस उछाल के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।

स्पॉट गोल्ड 0.9% की तेजी के साथ 3,617.76 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि दिन के दौरान यह 3,622.07 डॉलर के उच्चतम स्तर तक गया। वहीं, दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 3,657.90 डॉलर पर स्थिर रहे।

क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत?

विशेषज्ञों के मुताबिक, साल 2025 में अब तक सोने की कीमतों में 38% की तेजी दर्ज की गई है, जो 2024 में हुई 27% की वृद्धि के बाद आई है। इस उछाल के पीछे कई अहम कारण हैं:

कमजोर अमेरिकी डॉलर

वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा भारी सोना खरीद

नरम मौद्रिक नीति

भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता

स्विसक्वोट बैंक के एनालिस्ट कार्लो अल्बर्टो डी कासा ने कहा, "ब्याज दरों में संभावित कटौती से सोने की मांग बढ़ी है। इसके साथ ही वैश्विक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है।"

अमेरिका में नौकरियों की ग्रोथ कमजोर

शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में अमेरिका में नौकरियों की ग्रोथ कमजोर रही और बेरोजगारी दर 4.3% तक पहुंच गई, जो पिछले चार वर्षों का उच्चतम स्तर है। इसके चलते फेडरल रिजर्व द्वारा अगली बैठक में 25 बेसिस पॉइंट की ब्याज दर कटौती की संभावना 90% तक पहुंच गई है। कम ब्याज दरें सोने जैसे गैर-ब्याज देने वाले एसेट्स को अधिक आकर्षक बनाती हैं और डॉलर को कमजोर करती हैं, जिससे अन्य मुद्राओं में सोना सस्ता होता है।

सोने की कीमत 3,700 डॉलर प्रति औंस

UBS के विश्लेषक जियोवन्नी स्टैनोवो का अनुमान है कि अगले साल के मध्य तक सोने की कीमत 3,700 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। निवेशकों की नजर अब इस हफ्ते आने वाले दो प्रमुख अमेरिकी आंकड़ों पर है। बुधवार को आने वाला प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI), गुरुवार को जारी होने वाला कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) ये आंकड़े फेड की भविष्य की मौद्रिक नीति की दिशा को लेकर और संकेत देंगे।

इसी बीच, चीन का केंद्रीय बैंक लगातार 10वें महीने भी सोने की खरीद कर रहा है। अगस्त में भी उसने अपने भंडार में सोने की जमकर खरीदारी की है, जिससे यह साफ है कि दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंक अब सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

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