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भारत की इस दमदार फोर्स में क्यों नहीं है एक भी महिला? वजह चौंकाने वाली!

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 27 May, 2025 09:51 AM

why is there not a single woman in this powerful force of india

भारतीय सेना में पुरुष जितना जज्बा लेकर जाते हैं उतने ही जज्बे और देशभक्ति की भावना के साथ महिलाएं भी आगे आती हैं। एक वक्त था जब सेना में सिर्फ पुरुष ही भर्ती होने के लिए आया करते थे लेकिन अब वक्त बदल चुका है। महिलाएं हर वो काम कर सकती हैं जो पुरुष...

नेशनल डेस्क। भारतीय सेना में पुरुष जितना जज्बा लेकर जाते हैं उतने ही जज्बे और देशभक्ति की भावना के साथ महिलाएं भी आगे आती हैं। एक वक्त था जब सेना में सिर्फ पुरुष ही भर्ती होने के लिए आया करते थे लेकिन अब वक्त बदल चुका है। महिलाएं हर वो काम कर सकती हैं जो पुरुष कर पाते हैं और यही वजह है कि सेनाओं में भी महिलाओं की भागीदारी पहले से बढ़ी है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान महिलाओं को सैन्य अस्पतालों में नर्सों के रूप में भर्ती किया गया था क्योंकि उस वक्त पर्याप्त पुरुष नहीं हुआ करते थे लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में एक फोर्स ऐसी भी है जिसमें अभी तक एक भी महिला शामिल नहीं है? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

किस फोर्स में नहीं हैं महिलाएं?

साल 2023 में जारी किए गए सरकारी आंकड़ों की मानें तो भारत की थल सेना में फिलहाल करीब 7000 महिला अधिकारी अपनी सेवाएं दे रही हैं। समय के साथ-साथ रक्षा बलों में महिलाओं का अहम योगदान देखने को मिला है वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी इसमें अहम भूमिका रही है। हालांकि अभी भी महिलाएं थल सेना की कुछ मुख्य लड़ाकू भूमिकाओं जैसे कि पैदल सेना, मशीनीकृत इकाइयां और बख्तरबंद इकाइयों में शामिल नहीं हैं लेकिन अब महिलाओं का एक समूह थल सेना की तोपखाना रेजिमेंट में जरूर सेवाएं दे रहा है।

लेकिन मरीन कमांडो यानी मार्कोस में अभी तक महिलाएं शामिल नहीं हैं।

कैसे होती है मार्कोस में महिलाओं की भर्ती?

भारतीय नौसेना ने पहले मार्कोस यानी मरीन कमांडोज में भर्ती करने के लिए सिर्फ पुरुषों को अनुमति दी थी लेकिन अब साल 2022 से इसमें महिलाओं को भी शामिल करने का आदेश दे दिया गया है। हालांकि अभी तक इसमें कितनी महिला कमांडो की भर्ती हुई है इस बात के कोई आंकड़े सामने नहीं आए हैं। साल 2022 में यह सरकार का ऐतिहासिक फैसला था जिसके तहत महिलाओं की भर्ती भी अब मार्कोस कमांडो के रूप में होती है।

 

यह भी पढ़ें: भारत में कोरोना की रफ्तार तेज़, 1000 से ज्यादा लोग पॉजिटिव, जानिए कब लगता है लॉकडाउन?

 

यदि महिलाएं इसको चुनती हैं और इसका निर्धारित क्राइटेरिया (मापदंड) पूरा करती हैं तो वे इसमें शामिल हो सकती हैं। इसके लिए किसी को सीधे स्पेशल फोर्स यूनिट में नहीं भेजा जाता है बल्कि लोगों को इसके लिए खुद आगे आना होता है और स्वेच्छा से आवेदन करना होता है।

इस वक्त कितनी महिलाएं MARCOS में दे रहीं सेवाएं?

इस वक्त भारतीय नौसेना की विशेष बल इकाई MARCOS में कोई महिला कमांडो सेवा नहीं दे रही हैं। हालांकि दिसंबर 2022 में भारतीय नौसेना ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए महिलाओं को इस विशेष बल इकाई में शामिल होने के लिए कहा था। अब महिला अधिकारी और नाविक जो 'अग्निवीर' योजना के तहत सेवा में शामिल होती हैं वे अपनी मर्जी से MARCOS बनने के लिए आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए उनको सभी शारीरिक और मानसिक मापदंडों का पालन करना जरूरी है।

कौन होते हैं मार्कोस कमांडो?

मार्कोस कमांडो को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाता है कि वे आसमान, जमीन और समुद्र तीनों जगहों पर मिशन को अंजाम दे सकें। ये कमांडोज दुश्मन के जहाजों सहित उनके ठिकानों पर हमले करने में माहिर होते हैं। इनको समुद्री हालातों और आतंकियों से लड़ने में भी महारत हासिल होती है। इन्हें इस तरह से प्रशिक्षित किया जाता है कि वे नौसेना को सपोर्ट करते हुए जासूसी मिशनों को भी अंजाम दे सकें।

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