चौंकाने वाली रिपोर्ट: बांग्लादेश में हिंदू, बच्चियां और दिव्यांग महिलाएं हो रही हैं रेप का शिकार

Edited By Updated: 01 Jul, 2025 06:52 PM

hindus girls and women are becoming victims of rape in bangladesh report

बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले के मुरादनगर में एक हिंदू महिला के साथ हुए कथित बलात्कार के मामले ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। इस घटना के बाद पुलिस ने आनन-फानन में मुख्य आरोपी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन इस मामले...

नेशनल डेस्क: बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले के मुरादनगर में एक हिंदू महिला के साथ हुए कथित बलात्कार के मामले ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। इस घटना के बाद पुलिस ने आनन-फानन में मुख्य आरोपी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन इस मामले की गूंज राजधानी ढाका तक सुनाई दे रही है। यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश में बलात्कार की घटनाओं में एक नया और चिंताजनक रुझान देखने को मिल रहा है।

मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट

बांग्लादेश के मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में बलात्कारियों के मुख्य निशाने पर अब छोटी बच्चियां, दिव्यांग महिलाएं और हिंदू युवतियां आ गई हैं। इन कमजोर वर्गों के खिलाफ यौन अपराधों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी देखी जा रही है जो समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

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जून 2025 के चौंकाने वाले आंकड़े-

मानवाधिकार संगठन एमएसएफ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इसी साल जून 2025 में बांग्लादेश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हिंसा के कुल 363 मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा प्रतिदिन औसतन 12 हिंसक घटनाओं को दर्शाता है। यानी हर दिन करीब 12 महिलाओं या युवतियों के साथ बांग्लादेश में हिंसक वारदातें होती हैं। ये केवल वे आंकड़े हैं जो आधिकारिक तौर पर दर्ज किए गए हैं। असल संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।

संगठन की रिपोर्ट में बताया गया है कि जून में बलात्कार की 67 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 17 सामूहिक बलात्कार के मामले थे। इसके अलावा चार ऐसे भयावह मामले भी सामने आए, जहां बलात्कारियों ने दुष्कर्म के बाद पीड़िता की निर्मम हत्या कर दी।

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शेख हसीना का बयान

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मौजूदा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार बांग्लादेश में बलात्कार की जितनी घटनाएं हो रही हैं, उसका एक प्रतिशत भी पुलिस और सरकार दर्ज नहीं कर पा रही है। उनका कहना है कि सरकार इन आंकड़ों को छिपाने में लगी हुई है। मुरादनगर में हिंदू युवती के साथ हुई बलात्कार की घटना में भी यही देखा गया। पुलिस तभी सक्रिय हुई जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और मामला सार्वजनिक हो गया।

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दिव्यांग, हिंदू और छोटी बच्चियां हैं टारगेट-

एमएसएफ के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में बलात्कारियों के निशाने पर विशेष रूप से दिव्यांग, हिंदू युवतियां और छोटी-छोटी बच्चियां हैं। जून महीने में 19 बच्चियों के साथ बलात्कार की वारदातें हुईं, जबकि 23 किशोरियों ने बलात्कार की शिकायतें दर्ज कराईं। इसी महीने दो हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं, जिनमें मुरादनगर की घटना भी शामिल है।

एक समाचार पत्र ने एमएसएफ के हवाले से लिखा है कि जून 2025 में 7 दिव्यांग लड़कियों के साथ बलात्कार की घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज की गई हैं. बांग्लादेश पुलिस मुख्यालय द्वारा मार्च 2025 में जारी एक पुराने डेटा के अनुसार पिछले 10 सालों में बांग्लादेश में छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार की लगभग 5600 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जो इस गंभीर समस्या की जड़ें कितनी गहरी हैं यह दर्शाता है।

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