Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Jun, 2025 02:12 PM

पुणे एयरपोर्ट पर गुरुवार सुबह एक अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली, जब दुबई से पहुंचे स्पाइसजेट के यात्रियों ने देखा कि बैगेज बेल्ट पर उनका सामान आने का नाम ही नहीं ले रहा। यात्रियों को पहले तो यह किसी तकनीकी देरी का मामला लगा, लेकिन जब स्टाफ से बात की...
नेशनल डेस्क: पुणे एयरपोर्ट पर गुरुवार सुबह एक अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली, जब दुबई से पहुंचे स्पाइसजेट के यात्रियों ने देखा कि बैगेज बेल्ट पर उनका सामान आने का नाम ही नहीं ले रहा। यात्रियों को पहले तो यह किसी तकनीकी देरी का मामला लगा, लेकिन जब स्टाफ से बात की गई तो जो जवाब मिला उसने सभी को हैरान कर दिया—यात्रियों के बैग दुबई में ही छोड़ दिए गए थे।
फ्यूल भरा, बैग छोड़े
स्पाइसजेट के मुताबिक, विमान में अधिक मात्रा में ईंधन भरने की वजह से उसका कुल भार तय सीमा से ज़्यादा हो गया। ऐसे में वजन कम करने के लिए यात्रियों का सामान ही प्लेन में लोड नहीं किया गया। एयरलाइन ने सफाई दी कि यह तकनीकी फैसला था और यात्रियों के बैग अब दूसरी फ्लाइट से भेजे जाएंगे।
यात्रियों की परेशानी, गुस्सा भी
इस फैसले ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दीं। किसी की जरूरी दवाइयां, किसी के ज़रूरी दस्तावेज, और कुछ की बिजनेस मीटिंग्स इस देरी की वजह से प्रभावित हुईं। सोशल मीडिया पर भी कई यात्रियों ने एयरलाइन की आलोचना करते हुए इसे गैर-जिम्मेदाराना और अस्वीकार्य बताया।
हवाई सफर पर उठा भरोसा?
जहां हवाई यात्रा को तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक माना जाता है, वहीं इस तरह की घटनाएं यात्रियों के विश्वास को डगमगाने लगी हैं। कई यात्रियों का कहना है कि एक पेशेवर एयरलाइन से इस तरह की चूक की उम्मीद नहीं थी, खासकर जब कोई अंतरराष्ट्रीय उड़ान की बात हो।
नियम क्या कहते हैं?
एविएशन नियमों के अनुसार, किसी भी एयरलाइन की ज़िम्मेदारी सिर्फ यात्रियों को नहीं, बल्कि उनके सामान को भी सुरक्षित और समय पर गंतव्य तक पहुंचाना होता है। ऐसे में सिर्फ वजन या तकनीकी कारण का हवाला देकर जिम्मेदारी से बचना यात्रियों के हित में नहीं है।