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Cloudburst: पहाड़ो पर ही क्यों फटते हैं बादल, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Jun, 2025 03:11 PM

why do clouds burst only on mountains know the reason behind it

हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बादल फटने की घटना ने वहां के निवासियों को हैरान कर दिया। अचानक हुए इस प्राकृतिक आपदा में कई लोग बह गए और तीन लोगों की मौत हो गई। यह घटना सैंज घाटी में घटी, जहां भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर...

नेशनल डेस्क: हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बादल फटने की घटना ने वहां के निवासियों को हैरान कर दिया। अचानक हुए इस प्राकृतिक आपदा में कई लोग बह गए और तीन लोगों की मौत हो गई। यह घटना सैंज घाटी में घटी, जहां भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बादल फटना क्या होता है, क्यों यह पहाड़ी इलाकों में अधिक होता है और इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या हैं।

बादल फटना क्या होता है?

बादल फटना एक प्राकृतिक घटना है, जिसे "Cloudburst" कहा जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह उस स्थिति को कहा जाता है जब एक घंटे के भीतर 100 मिमी या उससे ज्यादा बारिश होती है। आमतौर पर बादल जमीन से 12 से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर बनते हैं। जब इन बादलों से अत्यधिक पानी की बूंदें एक साथ गिरती हैं, तो यह एक मूसलधार बारिश के रूप में सामने आता है, जो बहुत तेज होती है और आसपास की जगहों को डुबो देती है। बादल फटने के कारण आमतौर पर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है और नदियां, नालियां और सड़कों पर पानी भर जाता है। ऐसे में ना केवल जलभराव होता है, बल्कि भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।

कैसे और क्यों फटता है बादल?

बादल फटने की घटना तब होती है, जब पानी से भरे बादल एक निश्चित स्थान पर रुक जाते हैं। इन बादलों में इतनी नमी होती है कि इनकी घनता बढ़ जाती है, जिससे एक साथ बारिश होती है। जब ये बादल रुकते हैं, तो इनकी बारिश मूसलधार हो जाती है, जिससे वहां बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यह आमतौर पर तब होता है, जब बादलों में पानी की एक बड़ी मात्रा जमा हो जाती है और उनके रास्ते में कोई बाधा आ जाती है। ऐसा माना जाता है कि बादल तब फटते हैं, जब उनमें भारी मात्रा में नमी होती है। इसके बाद, अगर बादल का रास्ता रुक जाता है, तो इनकी घनता इतनी बढ़ जाती है कि भारी बारिश के रूप में गिरती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, एक घंटे में 100 लीटर पानी की बारिश होने पर उसे बादल फटना कहा जाता है।

पहाड़ी इलाकों में क्यों ज्यादा होती है बादल फटने की घटना?

बरसात के मौसम में पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की घटनाएं अधिक होती हैं। इसका कारण यह है कि पहाड़ों पर पानी से भरे बादल हवा के साथ चलते हुए पहाड़ी इलाकों में फंस जाते हैं। इन पहाड़ों की ऊंचाई इन बादलों के रास्ते में एक बाधा बनती है और बादल आगे नहीं बढ़ पाते। जैसे ही बादल पहाड़ों के ऊपर पहुंचते हैं, तो वहां ज्यादा नमी की वजह से वे बारिश के रूप में बदल जाते हैं। इस प्रक्रिया में उनकी घनता इतनी बढ़ जाती है कि तेज बारिश होती है।

पहाड़ी इलाकों में यह घटना इसलिए ज्यादा होती है, क्योंकि यहां के वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होती है और भारी बारिश का सिलसिला चलता रहता है। हालांकि, मैदानों में यह घटना कम देखने को मिलती है, लेकिन अगर गर्म हवाएं बादलों की दिशा में मुड़ जाएं तो वहां भी बादल फट सकते हैं।
 

 

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