धोखाधड़ी के जाल में फंस रही है विदेश जाने की इच्छुक महिलाएं, पासपोर्ट छीन बनाई जा रहीं बंधक

Edited By Updated: 30 Jul, 2024 04:30 PM

women who want to go abroad are getting trapped in the web of fraud

फर्जी - ट्रैवल एजेंट विदेश जाने की इच्छुक गरीब महिलाओं को ठगी व धोखाधड़ी के जाल में फंसा रहे हैं। इसके लिए वह उनकी ही रिश्तेदार महिलाओं का ही सहारा ले रहे हैं। इस मामले में पंजाब सरकार ने एसआईटी बनाई थी।

नेशनल डेस्क: फर्जी - ट्रैवल एजेंट विदेश जाने की इच्छुक गरीब महिलाओं को ठगी व धोखाधड़ी के जाल में फंसा रहे हैं। इसके लिए वह उनकी ही रिश्तेदार महिलाओं का ही सहारा ले रहे हैं। इस मामले में पंजाब सरकार ने एसआईटी बनाई थी। इस मामले की जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि विदेश जाने की इच्छुक गरीब महिलाओं को वर्क वीजा और मोटी सैलरी के सपने दिखाकर टूरिस्ट वीजा पर ओमान, सऊदी अरब, मस्कट जैसे देशों में भेजा गया।  

वहां इनके पासपोर्ट और फोन जब्त कर इनसे नौकरों की तरह काम करवाया गया। उन्हें कांट्रैक्ट एफिडेबिट दिए गए जो अरबी भाषा में लिखे थे। ट्रैवल एजेंट के कहने पर उन्होंने साइन कर दिए थे। इसके बाद इन्हें वहां बंधक बनाकर रखा गया। फांसी युवती मदद मांगती है तो फर्जी ट्रैवल एजेंट कहते, या तो ढाई लाख रुपए दो या वापस आने के लिए अपनी जगह दो और युवतियों को विदेश भिजवाओ। ऐसे में युवती पंजाब में अपने रिश्तेदार या सहेलियों को फोन कर उसी एजेंट के पास भेज देती है। 

संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने राज्यसभा में बीते साल इस मामले को उठाया था । उन्होंने पंजाब व अन्य राज्यों से दो सालों में 125 युवतियों के लिए मंत्रालय व भारतीय दूतावास को पत्र लिख चुके हैं । 95 की वतन वापसी का रिकॉर्ड उनके पास है। दो युवतियों की टिकट का प्रबंध सीचेवाल ने खुद किया, जबकि बेटियों का एंबेसी द्वारा किया गया है। महिलाओं की वतन वापसी में अहम भूमिका निभाने वाले संत सीचेवाल से भास्कर ने जाना उन्हें छुड़ाने में क्या दिक्कतें आती हैं। 

विदेश जाते हैं तो भनक नहीं लगने देते, एजेंटों के जाल में फंसने पर गुहार लगाते हैं

 जब कोई शिकायत आती है तो सबसे पहले उस देश की भारतीय एम्बेसी और विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी जाती है । इसके बाद उन्हें ट्रेस करने की कार्रवाई शुरू की जाती है। उनके मिलते ही उनके मालिक से संपर्क किया जाता है और वापस लाने में जो रिक्वायरमेंट होती है. पूरी की जाती है। सभी कार्रवाई के बाट युवतियों को वापस लाया जाता है। अब फंसी लड़कियों को वापस लाने के लिए पंजाब के डीजीपी की भी मदद ली जा रही है। दिक्कत ये है कि जब हम विदेश जाते हैं तो किसी को इस बात की भनक नहीं होने देते। यहां तक कि पड़ोसी तक को भी नहीं बताते। जब फंस जाते हैं तो फिर परेशान होते हैं। अवेयर होना बेहद जरूरी है। पंजाब वासियों से अपील है कि लड़कियों को अरब देशों में न भेजें।

सब मामलों में कई बातें समान, महिलाएं ही फंसा रहीं
• ज्यादातर मामलों में युवतियों को फंसाने में अपनी ही रिश्तेदार महिला के शामिल होने का पता चला है। ट्रैवल एजेंट युवतियों का पता करते हैं, फिर इनकी एक या दो रिश्तेदार महिला को उसे शिकार बनाने को कहते हैं। एजेंट उन युवतियों को शिकार बनाते हैं जो गरीब हाँ, कम पड़ी हों, जिनके माता-पिता दिव्यांग हों या मा चुके हों। यानि जरूरतमंद हों और पीछे कर्मचाई करवाने वाला नहीं। मामले में अब तक 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इनमें 19 महिलाएं हैं जो मोटा कमीशन ले आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को फंसाती थीं
 

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