सुसाइड नोट में लिखा 'लॉग ऑफ' और 14वीं मंजिल से 16 वर्षीय नाबालिग ने लगा दी छलांग, ऑनलाइन गेमिंग ने ली जान!

Edited By Yaspal,Updated: 30 Jul, 2024 12:24 AM

wrote  log off  in the suicide note and 16 year old minor from the 14th floor

महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ के किवले में एक 16 साल के नाबालिग ने ऑनलाइन गेम खेलते समय अपनी बिल्डिंग की 14वीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ के किवले में एक 16 साल के नाबालिग ने ऑनलाइन गेम खेलते समय अपनी बिल्डिंग की 14वीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। बच्चे ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा। उसने सुसाइड नोट में 'लॉग ऑफ नोट' लिखकर 14वीं मंजिल से छलांग लगा दी। जानकारी के मुताबिक, आत्महत्या करने से पहले युवक ने अपनी नोटबुक में कुछ स्केच और नक्शे बनाए। पुलिस का शुरुआती अनुमान है कि गेम की लत लगने के बाद युवक ने आत्महत्या की होगी।

आत्महत्या करने वाले बच्चे के लैपटॉप का पासवर्ड अभी भी माता-पिता और पुलिस को नहीं पता है। इसलिए पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस के सामने जांच में यह बड़ी चुनौती है कि युवक ने कौन सा गेम खेलकर आत्महत्या की? पुलिस बच्चे की आत्महत्या की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद लेगी। डीसीपी स्वप्ना गोरे ने माता-पिता से अपील की है कि वे अपने बच्चों के मोबाइल लैपटॉप पर नजर रखें ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

सरकार से अपील है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों
बच्चे की मां ने कहा, 'पिछले छह महीनों में लड़का बहुत बदल गया था। वह आक्रामक हो रहा था। एक मां होने के नाते मुझे भी उसके सामने जाने से डर लगता था। इस गेम से बाहर निकालने की बहुत कोशिश की। मैं उससे लैपटॉप ले लेती थी मगर वो मुझसे लैपटॉप छीन लेता था। वह इतना बदल गया था कि उसे आग से भी डर नहीं लगता था। वह चाकू मांगता था। वह पहले ऐसा नहीं था।' 

बच्चे की मां ने आरोप लगाया है कि यह सरकार की गलती है। ऐसी वेबसाइटें बच्चों तक कैसे पहुंचती हैं? आज के दौर में हर चीज डिजिटल हो गई है। जब ये सभी चीजें बच्चों के पास जाएं तो उन्हें सुरक्षित किया जाना चाहिए। 14वीं मंजिल से कूदने के बाद क्या होगा। ये बात मेरे बेटे को नहीं पता थी। सामने वाले ने (गेम द्वारा) उसके सामने आत्महत्या का टास्क रख दिया था। ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। ये हमारी अपील है। मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि ऐसी बातें बच्चों तक न पहुंचने दें। उन्होंने कहा कि खुले नेटवर्क के माध्यम से कोई भी आपके बच्चों तक पहुंच सकता है। वहां कई चीजें हैं। इसमें एनीमेशन सीरीज हैं जो बीपीएन पर देखी जाती हैं। जो मेरे बेटे के साथ हुआ, वह दूसरे बच्चों के साथ न होने दें, मैं सरकार से बस यही कहती हूं।

वह अपने लैपटॉप की हिस्ट्री मिटा देता था
बच्चे के पिता ने कहा, 'मेरे बेटे को जो लैपटॉप दिया गया है उसमें पैरेंटल लॉक है। इसे हटाकर वह लैपटॉप यूज कर रहा था। मेरा बच्चा पढ़ाई में अच्छा था। उसका रिजल्ट भी अच्छा आ रहा था।' उन्होंने कहा कि आप बच्चों पर 24 घंटे ध्यान नहीं दे सकते. वह अपने लैपटॉप की हिस्ट्री मिटा देता था. उसके दो मेल थे. ये तो मुझे भी नहीं पता था. उसकी नोटबुक में कुछ स्केच बने हुए हैं. हमें भी इसकी जानकारी नहीं थी. इसमें दो टीमें लिखी और खेली गईं. यह गेम ब्लू व्हेल जैसा ही है.'

पिता ने कहा कि पिछले छह महीनों में नाबालिग बच्चे में काफी बदलाव आया था। वह चाकू लेकर तरबूज को बहुत बारीक काटता और आग से खेलता था। स्कूल में भी काफी बदलाव हुआ था। हालांकि वह सुनने के मूड में नहीं था। यह जानकारी नाबालिग के मामा ने दी है।

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