Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 03 Aug, 2025 10:15 AM

पाकिस्तान में शनिवार और रविवार की रात को दो बार जोरदार भूकंप आए, जिससे कई इलाकों में दहशत फैल गई। पाकिस्तान में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है, और इन दोनों भूकंपों ने यह साबित कर दिया कि यह देश भूकंपीय दृष्टि से कितने संवेदनशील क्षेत्र में स्थित...
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान में शनिवार और रविवार की रात को दो बार जोरदार भूकंप आए, जिससे कई इलाकों में दहशत फैल गई। पाकिस्तान में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है, और इन दोनों भूकंपों ने यह साबित कर दिया कि यह देश भूकंपीय दृष्टि से कितने संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। रविवार, 3 अगस्त 2025 की रात 12 बजकर 40 मिनट पर पाकिस्तान में एक जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई। भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर थी, जिससे इसके प्रभाव को महसूस किया गया। पाकिस्तान के प्रमुख शहरों और क्षेत्रों में भूकंप के झटकों के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
5.4 तीव्रता वाला भूकंप
शनिवार, 2 अगस्त 2025 को भी पाकिस्तान में एक और भूकंप आया था। उसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 थी, और इसका असर खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब, और इस्लामाबाद में प्रमुख रूप से महसूस किया गया था। इन भूकंपीय घटनाओं ने लोगों के बीच भय और दहशत पैदा कर दी।
पाकिस्तान में भूकंप के खतरे की वजह
पाकिस्तान भूकंपीय दृष्टि से बहुत संवेदनशील है, और यहां अक्सर बड़े भूकंप आते रहते हैं। पाकिस्तान के कई इलाके ऐसे हैं जो यूरोएशियाई प्लेट और भारतीय प्लेट के संपर्क में आते हैं, जिससे भूकंपीय गतिविधियों में वृद्धि होती है। भूकंप का केंद्र अगर जमीन के भीतर गहरे न होकर सतह के पास होता है, तो वह ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इसका कारण यह है कि भूगर्भीय तरंगों को सतह तक पहुंचने के लिए कम दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे इमारतों को ज्यादा नुकसान होता है। पाकिस्तान में भूकंप से होने वाली तबाही की मुख्य वजह यही होती है।
पाकिस्तान के किन राज्यों में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा है?
पाकिस्तान के बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे राज्य भूकंपीय गतिविधियों के लिए अधिक संवेदनशील हैं। ये क्षेत्र यूरेशियन और भारतीय प्लेट के सीमा क्षेत्र पर स्थित हैं। खासतौर पर बलूचिस्तान में, जहां अरब और यूरेशियन प्लेटों का संपर्क है, भूकंप की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा, सिंध और पंजाब भी भूकंप की घटनाओं के प्रति संवेदनशील हैं, खासकर पंजाब जो भारतीय प्लेट के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित है। इन इलाकों में भूकंपों के असर से इमारतों को गंभीर नुकसान हो सकता है।