स्कूल फीस मामले में हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की पुनॢवचार की याचिका ठुकराई

Edited By Ajay kumar,Updated: 09 Oct, 2020 10:44 PM

school fees

सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे पंजाब के निजी स्कूल स्कूल स्टाफ व टीचर्स की सैलेरी का ब्यौरा देना होगा


चंडीगढ़ (रमेश हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के डिवीजन बैंच की ओर से 1 अक्तूबर को पंजाब के गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने के आदेश जारी किए थे। साथ ही निजी स्कूलों को लॉकडाऊन पीरियड की बैलेंसशीट भी कोर्ट में 2 सप्ताह में जमा करवाने को कहा था। उक्त डिवीजन बैंच के आदेशों को निजी स्कूलों ने हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन दाखिल कर रिकॉर्ड किए जाने की मांग की थी।

जिसे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ठुकरा दिया। आदेशों के अनुसार पंजाब के निजी स्कूल प्रबंधक लॉकडाऊन समय की केवल ट्यूशन फीस ही ले सकते हैं। यही नहीं जिन स्कूलों ने स्टूडैंट्स की रैगुलर ऑनलाइन क्लासिज नहीं ली, वह किसी भी तरह की फीस या किसी फंड्स के हकदार नहीं होंगे। 
जस्टिस राजीव शर्मा व हङ्क्षरद्र ङ्क्षसह सिद्धू पर आधारित डिवीजन बैंच के आदेशोंनुसार सभी निजी स्कूलों को दो सप्ताह के भीतर आदेशों वाले दिन से 7 माह पहले की बैलेंसशीट कोर्ट में दाखिल करनी होगी। वह भी मान्यता प्राप्त चार्टेड अकाऊंटैंट से सत्यापित करवाकर। डिवीजन बैंच ने साफ किया कि अगर स्टूडैंट्स के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का पूरा प्रबंध नहीं है या स्कूल की ओर से रैगुलर ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करवाई तो वह स्टूडैंट से किसी भी तरह का शुल्क या फीस नहीं ले सकता। 

 

1 अक्तूबर के अंतरिम आदेशों में कोर्ट ने कहा था कि लॉकडाऊन पीरियड के समय का ट्रांसपोर्ट चार्ज, बिङ्क्षल्डग फंड एडमिशन फीस, डिवैल्पमैंट या कोई फंड्स भी स्कूल प्रबंधन नहीं ले पाएगा। 
सभी निजी स्कूलों को कोर्ट में यह भी साबित करना होगा कि उन्होंने लॉकडाऊन पीरियड में स्कूल स्टाफ व टीचर्स चाहे वह रैगुलर हो एडहॉक हो या फिर कांट्रैक्ट पर ही क्यों न हो सभी को पूरा वेतन दिया है, क्योंकि स्कूल संचालकों ने कोर्ट में गुहार लगते हुए कहा था कि उन्होंने स्टाफ व टीचर्स को वेतन देना है इसलिए कोर्ट ने उन्हें ट्यूशन फीस वसूलने की इजाजत दी थी। कोर्ट को एडवोकेट चरणपाल बागड़ी ने बताया कि कई स्कूल स्टाफ व टीचर्स को निकाल चुके है या वेतन का बहुत काम हिस्सा दे रहे है। अगर स्कूल प्रबंधन ने स्टाफ या टीचर्स को लॉकडाऊन समय में वेतन नहीं दिया होगा तो उन पर अवमानना की कार्रवाई हो सकती है। 
उक्त अंतरिम आदेशों अंतिम फैसला सुनाए जाने तक 30 जून को ङ्क्षसगल बैंच द्वारा दिए आदेश बरकरार रहेंगे। मामले की सुनवाई अब 12 नवम्बर को होगी।

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