सुखना कैचमैंट एरिया में प्रशासन जल्द करेगा एरियल सर्वे

Edited By Priyanka rana,Updated: 11 Mar, 2020 01:43 PM

sukhna catchment area

चंडीगढ़ प्रशासन जल्द ही सुखना कैचमैंट एरिया का जल्द ही एरियल सर्वे करने जा रहा है।

चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ प्रशासन जल्द ही सुखना कैचमैंट एरिया का जल्द ही एरियल सर्वे करने जा रहा है। प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर के अलावा एडवाइजर मनोज परिदा समेत रैवेन्यू डिपार्टमैंट के अधिकारी, डी.सी. मनदीप सिंह बराड़ समेत एस्टेट आफिस के मुलाजिम, वन एवं पर्यावरण विभाग के अफसर इस सर्वे के दौरान मौजूद रहेंगे। 

यह हवाई सर्वे अगले कुछ दिन के दौरान कभी भी हो सकता है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जबसे कैचमैंट एरिया में हुए अवैध निर्माण को हटाने के निर्देश दिए थे, तभी से सुगबुगाहट थी कि पंजाब, हरियाणा व यू.टी. जल्द ही बड़ी कार्रवाई करेंगे। फिलहाल दोनों राज्यों और यू.टी. के समक्ष सवाल ये है कि सुखना कैचमैंट एरिया में पड़ने वाले इलाकों में कितने अवैध निर्माण हुए हैं। 

यू.टी. प्रशासन को भी अभी तक नहीं मालूम कि उनके इलाके में सुखना कैचमैंट एरिया में कितने अवैध निर्माण हैं। अधिकारियों तक को ईको सैंसटिव जोन, सुखना कैचमैंट एरिया व सुखना वैटलैंड के बारे पूरी जानकारी नहीं है। यही वजह है कि अभी तक मसला ज्यों का त्यों लटका है। पंजाब ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखकर 100 मीटर के दायरे में ईको सैंसटिव जोन बनाने के संबंध में लिखा था जिसे नहीं माना गया और इसमें चंडीगढ़ के पक्ष को सही माना गया। 

चंडीगढ़ को नहीं ज्यादा नुकसान :
यू.टी. के एडवाइजर मनोज परिदा का कहना है कि उनके इलाके में ज्यादा निर्माण नहीं पड़ते, लेकिन फिर भी हाईकोर्ट की ओर से जो आर्डर दिए गए हैं, उनके अनुसार कार्रवाई होगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पास उन अवैध निर्माणों का ब्यौरा है, जिसे गिराने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है? 

तो उनका कहना था कि जल्द ही यू.टी. प्रशासन के संबंधित विभागों के अधिकारी प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर के साथ सुखना कैचमैंट एरिया में पडऩे वाले अवैध निर्माण का एरियल सर्वे कर जायजा लेंगे। कितने दिनों के भीतर काम निपटा लिया जाएगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि समय सीमा तो तय नहीं, लेकिन जल्द ही काम निपटाया जाएगा। 

उन्होंने ये भी कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से भी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। परिदा ने कहा कि चंडीगढ़ को इस फैसले से ज्यादा नुकसान नहीं होने जा रहा लिहाजा फिलहाल सारी स्थिति पर नजर रखी जा रही है कि पंजाब व हरियाणा इस पर क्या रुख अपनाते हैं। इस मसले पर आखिरी फैसला प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने लेना है। उनसे राय लेकर आगे बढ़ेंगे। 

कैचमैंट एरिया में रह रहे लोग कह चुके किसी सूरत में नहीं गिराने देंगे मकान :
यहां बता दें कि यू.टी. प्रशासन के दो गांव, जिसमें कांसल और खुड्डा अलीशेर शामिल हैं में सुखना कैचमैंट एरिया में अवैध निर्माण हो रखे हैं। लाल डोरे से बाहर के निर्माणों पर पैरीफेरी एक्ट भी लागू होता है। 

बहुत से निर्माण ऐसे भी बताए जा रहे हैं जो लाल डोरे के भीतर हैं, लेकिन कैचमैंट एरिया में पड़ते हैं। कांसल व खुड्डा अलीशेर समेत पंजाब व हरियाणा के कैचमैंट एरिया में रह रहे लोग कह चुके हैं कि वह किसी भी सूरत में इन निर्माणों को गिरने नहीं देंगे चाहे इसके लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।

पंजाब, हरियाणा ने तैनात किए अधिकारी :
पंजाब व हरियाणा ने अपने-अपने उन इलाकों में रैवेन्यू डिपार्टमैंट को सर्वे के लिए तैनात कर दिया है जो यह पता लगा रहा है कि कितने अवैध निर्माण कैचमैंट एरिया में हो रखे हैं। 20 मार्च को हाईकोर्ट में इस बाबत जरूर जानकारी मांगी जाएगी क्योंकि हाईकोर्ट ने मामले में पंजाब व हरियाणा समेत यू.टी. को कमेटी गठित कर अवैध निर्माणों की सूची तैयार करने को कहा था। 

गौरतलब है कि सुखना लेक को बचाने के लिए यह तमाम कवायद चल रही है जिसमें हजारों की संख्या में लोगों के घर तबाह होने का अंदेशा है। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने इतने बड़े स्तर पर सुखना कैचमैंट के पड़ते एरिया में अवैध निर्माण होने दिए। 

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