Edited By Ajay kumar,Updated: 20 Jul, 2023 09:36 PM
डॉ. अरविंदर सिंह ने हाल ही में 80 प्रतिशत विकलांगता के साथ क्वाड बाइक पर लेह लद्दाख के खतरनाक खारदुंगला दर्रे को पार करके विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया।
अर्थ ग्रुप, उदयपुर, राजस्थान के सीईओ और सीएमडी डॉ. अरविंदर सिंह ने अपनी पहले से ही उल्लेखनीय उपलब्धियों की सूची में एक और प्रभावशाली रिकॉर्ड जोड़ा है। डॉ. सिंह ने हाल ही में 80 प्रतिशत विकलांगता के साथ क्वाड बाइक पर लेह लद्दाख के खतरनाक खारदुंगला दर्रे को पार करके विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इस साहसी और चुनौतीपूर्ण प्रयास से उन्होंने ऐसा करने वाले पहले और एकमात्र शारीरिक रूप से 80 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति के रूप में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन में अपना नाम दर्ज कराया। यह जगह कड़ाके की ठंड, दुर्गम पहाड़ियों तथा ऑक्सीजन की कमी के कारण चुनौती पूर्ण मानी जाती है।
दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल शिखर में शामिल इस चुनौतीपूर्ण कार्य हेतु लद्दाख के ले. राज्यपाल, माननीय डॉ. बी.डी. मिश्रा ने डॉ. सिंह को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए विश्व रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्रदान किया और ट्वीट कर बधाई भी दी।
उन्हें लेह, लद्दाख में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पी.डी. नित्या, चीफ एक्जीक्यूटिव काउंसलर श्री ताशी ग्यालसन, एक्जीक्यूटिव काउंसलर, श्री गुलाम मेहदी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. नूरज़िन अंगमो ने बधाई दी।
यह पहली बार नहीं है जब डॉ. सिंह ने विश्व स्तर पर अपनी श्रेष्ठता साबित की है। पिछले वर्ष डा सिंह ने एकेडमिक एक्सीलेंस का अनूठा विश्व रिकॉर्ड बनाया था। डॉ. सिंह को आश्चर्यजनक 123 डिग्रियां, डिप्लोमा तथा सेटिफिकेट्स हासिल करने का गौरव प्राप्त है।
इसके अलावा, डॉ. सिंह को भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों में से एक, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में टॉप करने वाले एकमात्र डॉक्टर के रूप में जाना जाता है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि उनके समर्पण, दृढ़ता और शैक्षणिक कौशल के बारे में बहुत कुछ बताती है।
अपनी प्रभावशाली शैक्षणिक साख और बिजनेस लीडर के अलावा, डॉ. सिंह ने साहसिक खेलों के क्षेत्र में भी सराहनीय रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। वह मालदीव में सफलतापूर्वक स्कूबा डाइविंग करने वाले पहले शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति हैं। उनके पास पैरा वर्ग में पिस्टल शूटिंग में राज्य का स्वर्ण पदक भी है।
ये उपलब्धियां केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं हैं, बल्कि पूरे दिव्यांगो के लिए बहुत गर्व और प्रेरणा का क्षण हैं, जो नकारात्मकता की विचारधारा को तोडकर, असीमित संभावनाओं में विश्वास को प्रोत्साहित करते हैं।
डॉ. सिंह की उपलब्धियाँ निरंतर आत्म-सुधार का संदेश देती हैं, जो उन्हें विपरीत परिस्थितियों पर विजय का प्रतीक बनाती हैं। खारदुंगला दर्रे पर अपनी हालिया उपलब्धि के साथ, डॉ. अरविंदर सिंह ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बाधाएं उतनी ही सीमित हैं जितना हम उन्हें होने देते हैं।