Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Aug, 2020 12:21 AM
नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि देश में इस समय कोविड-19 का पता लगाने के लिए रोजाना कुल जितने नमूनों की जांच हो रही है, उनमें 25-30 प्रतिशत नमूनों की जांच रैपिड एंटीजन जांच पद्धति से की जा...
नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि देश में इस समय कोविड-19 का पता लगाने के लिए रोजाना कुल जितने नमूनों की जांच हो रही है, उनमें 25-30 प्रतिशत नमूनों की जांच रैपिड एंटीजन जांच पद्धति से की जा रही है।
देश में सोमवार को कोविड-19 के लिए 6,61,892 नमूनों की जांच की गयी और अब तक कुल 2,08,64,750 नमूनों की जांच की जा चुकी है। देश में प्रति दस लाख आबादी पर जांच की संख्या 15,119 है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 2.08 करोड़ नमूनों की जांच की गयी है जिनमें करीब 26.5 लाख नमूनों की जांच एंटीजन पद्धति से की गयी है।
भार्गव ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि रैपिड एंटीजन जांच में किसी के संक्रमित नहीं होने की सटीक पुष्टि करने की 99.3 से 100 प्रतिशत तक अति उच्च विशिष्टता है, लेकिन उनकी संवेदनशीलता 55 से 85 प्रतिशत के बीच है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने अपने परामर्श में दोहराया है कि अगर किसी व्यक्ति में लक्षण हैं और रैपिड एंटीजन जांच में नतीजे निगेटिव हैं तो पुष्टि के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जानी चाहिए।’’
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