न्यायालय ने नेताओं-पुलिस के गठजोड़ को देश में नया चलन बताया

Edited By Updated: 27 Sep, 2021 10:53 PM

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नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सत्तासीन नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच कथित गठजोड़ को देश में "नया चलन" करार देते हुए सोमवार को मौखिक रूप से सवाल किया कि सरकार बदलने के बाद ऐसे पुलिस अधिकारियों का आपराधिक मामलों में बचाव...

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सत्तासीन नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच कथित गठजोड़ को देश में "नया चलन" करार देते हुए सोमवार को मौखिक रूप से सवाल किया कि सरकार बदलने के बाद ऐसे पुलिस अधिकारियों का आपराधिक मामलों में बचाव क्यों किया जाना चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने छत्तीसगढ़ पुलिस अकादमी के निलंबित निदेशक गुरजिंदर पाल सिंह की अपील पर यह टिप्पणी की। 2016 में हुई एक घटना के संबंध में कांग्रेस नीत राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ तीसरी प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद दंडात्मक कार्रवाई से बचाव का अनुरोध करते हुए उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

पीठ ने राज्य सरकार से जवाब मांगा और सिंह को तीन सप्ताह के लिए तीसरी प्राथमिकी के संबंध में किसी भी कठोर कार्रवाई से राहत प्रदान कर दी। पीठ ने निलंबित पुलिस अधिकारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह की दलीलों पर गौर किया और कहा कि सत्ता के साथ निकटता अन्य लोगों के सरकार में आने पर ऐसी स्थिति की ओर ले जाता है, जिसका सामना याचिकाकर्ता को करना पड़ रहा है।

पीठ ने कहा, " जब आप सरकार के इतने करीब होते हैं और ये चीजें करते हैं... आपको एक दिन ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। जब आपके सरकार के साथ अच्छे संबंध होते हैं, तो आप पैसे निकालते हैं, लेकिन जब दूसरी सरकार आती है तो आपको वापस भुगतान करना पड़ता है। यह हद है, हम ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा क्यों दें। यह देश में एक नया चलन है। उन्हें जेल जाना चाहिए।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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