वित्तीय ऋणदाता नहीं, परिचालन कर्जदाता है नोएडा प्राधिकरण: न्यायालय

Edited By PTI News Agency,Updated: 17 May, 2022 10:16 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) वित्तीय ऋणदाता नहीं, बल्कि कामकाज के संचालन को ‘सामान’ उपलब्ध कराने वाला ऋणदाता है।

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) वित्तीय ऋणदाता नहीं, बल्कि कामकाज के संचालन को ‘सामान’ उपलब्ध कराने वाला ऋणदाता है।
शीर्ष अदालत ने यह निर्णय नोएडा प्राधिकरण की अपीलों पर सुनाया है। इसमें एक सवाल यह उठा कि क्या प्राधिकरण को आईबीसी के तहत वित्तीय ऋणदाता माना जा सकता है।
न्यायमूर्ति के एम जोसफ और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने 186 पृष्ठों के अपने फैसले में कहा, ‘‘राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) दोनों इस आधार पर आगे बढ़े हैं कि नोएडा कामकाज के लिए कर्ज देने वालों में आता है। हमें इस निष्कर्ष को ज्यादा खींचने की जरूरत नहीं है।’’
इन अपीलों को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा, ‘‘हम इसी निष्कर्ष के आधार पर आगे बढ़ेंगे। अपील दायर करने वाला पक्ष वित्तीय ऋणदाता नहीं है। इसे कामकाज के लिए संचालन के लिए सामान उपलब्ध कराने वाले ऋणदाता के रूप में लिया जाना चाहिए।’’
नोएडा ने एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ अपील की थी। एनसीएलएटी ने एनसीएलटी के उस आदेश की पुष्टि की थी कि भारतीय लेखा मानकों के अनुसार कोई वित्तीय पट्टा या लीज नहीं होती। पीठ ने कहा कि इस मामले में जुलाई, 2010 की लीज का जिक्र है। नोएडा उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास कानून, 1976 की धारा तीन के तहत लीज देने वाली इकाई है जिसे प्राधिकरण के रूप में बताया गया है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!