Edited By ,Updated: 01 Apr, 2016 09:16 AM
शनिवार को शनिदेव के मंदिर में श्रद्धालु लम्बी कतारों में खड़े होकर शनि मंदिर में प्रवेश करने का इंतजार करते हैं ताकि वो विभिन्न उपायों के द्वारा शनिदेव को खुश कर सकें।
शनिवार को शनिदेव के मंदिर में श्रद्धालु लम्बी कतारों में खड़े होकर शनि मंदिर में प्रवेश करने का इंतजार करते हैं ताकि वो विभिन्न उपायों के द्वारा शनिदेव को खुश कर सकें। शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है। जिस जातक की कुंडली में शनिदेव प्रतिकूल स्थान पर बैठे हों उन्हें जीवन भर किसी न किसी परेशानी का सामना करना ही पड़ता है। ज्योतिष व तंत्र शास्त्र में शनिदेव को खुश करने के लिए बहुत से उपाय बताए गए हैं।
उन्हीं में से सरल एवं सरस उपाय है शनिवार को शनिदेव के मंदिर में जूते छोड़ आना। मान्यता है की शनिवार को जब आप शनिदेव के मंदिर में प्रणाम करने जाएं तो चमड़े के काले रंग के जूते पहन कर जाएं और वापसी पर नंगे पांव घर आएं। जिन लोगों की राशि पर साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो या राशि में शनि अच्छे स्थान पर न हो उन लोगों पर जल्द ही शनिदेव की कृपा होगी।
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। मानव शरीर के सभी अंग ग्रहों से संचालित होते हैं। शरीर के चर्म और पांव में शनि का वास माना जाता है इसलिए जूते दान करने से रोगों से निजात मिलती है। ज्योतिषीय आधार पर प्रचलित मान्यता है अगर शनिवार को आपके जूते चोरी हो जाएं या गुम हो जाएं तो समझे आपके अच्छे दिन आने वाले हैं और आप पर मंडरा रहे संकटों का सफाया हो गया है। शनिदेव आप पर विशेष कृपा करेंगे और सभी दोषों में राहत प्राप्त होगी।
शनिवार को शनि संबंधित चीजें दान करने का विधान है विशेषकर चमड़े के जूते इसलिए कभी भी शनिवार को नए जूते खरीद कर घर न लाएं अन्यथा शनि देव रूठ जाएंगे और घर में आर्थिक हानि होने लगेगी व पारिवारिक सदस्य अस्वस्थ रहेंगे।