5 अगस्त को पृथ्वी की गति में हुआ बदलाव, वैज्ञानिकों ने बताया ये खतरनाक संकेत, जानें क्या आने वाली बड़ी समस्या?

Edited By Updated: 10 Aug, 2025 11:17 AM

earth rotation slowed on august 5 a dangerous sign

5 अगस्त को वैज्ञानिकों ने एक खास घटना दर्ज की जब पृथ्वी की घूर्णन गति सामान्य से थोड़ी धीमी हो गई। इस दिन पृथ्वी ने अपनी धुरी पर घूमने में औसतन 1.45 मिलीसेकंड ज्यादा समय लिया। भले ही यह समय छोटा लगे, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए यह घटना महत्वपूर्ण संकेत...

नेशनल डेस्क: 5 अगस्त को वैज्ञानिकों ने एक खास घटना दर्ज की जब पृथ्वी की घूर्णन गति सामान्य से थोड़ी धीमी हो गई। इस दिन पृथ्वी ने अपनी धुरी पर घूमने में औसतन 1.45 मिलीसेकंड ज्यादा समय लिया। भले ही यह समय छोटा लगे, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए यह घटना महत्वपूर्ण संकेत लेकर आई है। पृथ्वी का घूमना लगातार सटीक रहता है और इसकी गति में छोटे बदलाव पृथ्वी के अंदर और बाहर हो रही विभिन्न गतिविधियों को दर्शाते हैं। हमारा एक दिन जिसे सौर दिवस कहते हैं, 24 घंटे यानी 86,400 सेकंड का होता है। लेकिन 5 अगस्त को पृथ्वी ने घूमने में औसतन 86,400.00145 सेकंड लिए, जिससे दिन की लंबाई सामान्य से थोड़ा बढ़ गई। यह अंतर सामान्य व्यक्ति को महसूस नहीं हुआ, लेकिन वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से इस बदलाव का पता चला।

पृथ्वी की घूमने की गति क्यों बदलती है?

पृथ्वी की घूर्णन गति बदलने के कई कारण होते हैं। हवा के पैटर्न में बदलाव, समुद्री धाराओं का प्रवाह, और पृथ्वी के अंदरूनी हिस्सों की गतिविधियां इस गति को प्रभावित करती हैं। इसके अलावा चंद्रमा का ज्वारीय खिंचाव भी पृथ्वी के घूमने की गति को धीमा करता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस बार 5 अगस्त को दक्षिणी गोलार्ध में वायुमंडलीय परिस्थितियां असामान्य थीं। कुछ क्षेत्रों में तेज़ हवाओं ने पृथ्वी की सतह पर ऐसा प्रभाव डाला जैसे दिन को एक छोटा ब्रेक मिला हो। इस कारण पृथ्वी की घुमन गति में वह 1.45 मिलीसेकंड का इजाफा हुआ।

पृथ्वी की गति पर चंद्रमा और कोर का असर

पृथ्वी के समुद्री जल में ज्वारीय खिंचाव जो चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण से होता है, वह भी पृथ्वी की घुमन गति को प्रभावित करता है। इसके अलावा पृथ्वी के पिघले हुए बाहरी कोर में चल रही गतिविधियां भी इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं। ये सभी कारक मिलकर पृथ्वी की गति को थोड़ा बदल देते हैं।

समय की सटीकता क्यों जरूरी है?

वैज्ञानिक बताते हैं कि पृथ्वी की घुमन गति में एक मिलीसेकंड का भी बदलाव GPS नेविगेशन, उपग्रह संचार, और अन्य तकनीकी प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है। इन प्रणालियों की सटीकता के लिए समय की गणना बिलकुल ठीक होनी चाहिए। यदि पृथ्वी की गति में बदलाव अधिक होता है तो इससे जुड़े गणनाओं में त्रुटि हो सकती है, जो विभिन्न तकनीकों को अस्थिर कर सकती है।

क्या ये बदलाव किसी बड़ी समस्या का संकेत है?

जहां यह बदलाव वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का विषय है, वहीं सामान्य जनता के लिए यह कोई तत्काल खतरा नहीं है। पृथ्वी की घुमन गति में छोटे-छोटे बदलाव प्राकृतिक रूप से होते रहते हैं। हालांकि वैज्ञानिक इस घटना को पृथ्वी के अंदर और बाहर हो रही गतिविधियों का महत्वपूर्ण संकेत मानते हैं। ये भविष्य में होने वाले किसी बड़े भौतिक या पर्यावरणीय बदलाव की चेतावनी हो सकती है, इसलिए इसका अध्ययन लगातार जारी है।

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