Property Price Delhi: दिल्ली सरकार ने किया बड़ा खुलासा, सर्कल रेट रिवाइज से प्रॉपर्टी के दामों में भारी उछाल!

Edited By Updated: 03 Oct, 2025 01:34 PM

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दिल्ली में रियल एस्टेट के बाजार में जल्द ही बड़े बदलाव की संभावना है। राजधानी की सरकार ने सर्कल रेट यानी संपत्ति के न्यूनतम मूल्य को पुनः निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कदम के चलते न सिर्फ प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में बदलाव आएगा,...

नेशनल डेस्क: दिल्ली में रियल एस्टेट के बाजार में जल्द ही बड़े बदलाव की संभावना है। राजधानी की सरकार ने सर्कल रेट यानी संपत्ति के न्यूनतम मूल्य को पुनः निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कदम के चलते न सिर्फ प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में बदलाव आएगा, बल्कि कमर्शियल और आवासीय क्षेत्रों में किराए भी बढ़ने की संभावना है।

सरकार ने इस प्रक्रिया के पहले चरण में सार्वजनिक नोटिस जारी कर जनता, आरडब्ल्यूए, उद्योग संगठनों और संपत्ति मालिकों से 15 दिनों के भीतर सुझाव मांगे हैं। इन सुझावों के आधार पर ही नई दरें तय की जाएंगी। सुझाव भेजने के लिए दिल्लीवासी suggestionondelhicirclerates@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।

2015 के बाद पहली बार होगी रिवाइजेशन
दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने बताया है कि यह कदम बाजार दरों के अनुरूप सर्कल रेट को अपडेट करने और संपत्ति लेन-देन में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है। गौरतलब है कि राजधानी में पिछली बार सर्कल रेट में बदलाव फरवरी 2015 में हुआ था। इस साल जून में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक कर इस समीक्षा की रूपरेखा तय की थी।

सर्कल रेट क्या होता है?
सरकार द्वारा तय सर्कल रेट उस न्यूनतम मूल्य को दर्शाता है, जिस पर संपत्ति का सौदा होना चाहिए। यह दरें जमीन, आवासीय और औद्योगिक संपत्तियों की खरीद-बिक्री में आधारशिला का काम करती हैं। अगर बिक्री का मूल्य सर्कल रेट से कम होता है तो टैक्स संबंधी दिक्कतें भी उत्पन्न हो सकती हैं।

दिल्ली की संपत्तियां 8 कैटेगरी में बांटी गई हैं
दिल्ली की संपत्तियों को उनकी लोकेशन और मार्केट वैल्यू के आधार पर आठ वर्गों में विभाजित किया गया है। पॉश इलाकों को 'ए' कैटेगरी में रखा गया है, जो सबसे महंगी संपत्तियां होती हैं। इसके बाद क्रमशः 'बी', 'सी', 'डी', 'ई', 'एफ', 'जी' और 'एच' कैटेगरी आती हैं। ‘एच’ कैटेगरी में मुख्य रूप से दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्र और अवैध कॉलोनियां शामिल हैं। नई सर्कल रेट बढ़ोतरी इन सभी कैटेगरी पर लागू होगी, लेकिन कितनी बढ़ोतरी होगी, यह सुझावों के आधार पर तय होगा।
 

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