अरबों के कारोबार का केन्द्र दाल बाजार (लुधियाना) खस्ता हालत में

Edited By ,Updated: 25 Nov, 2015 11:39 PM

billions of business center market dal ludhiana in poor condition

पंजाब का औद्योगिक शहर लुधियाना भारत के 15 सबसे बड़े शहरों में से एक है और पंजाब की आर्थिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। यह शहर हौजरी, सिलाई मशीनों और साइकिल उद्योग का देश में सबसे बड़ा केन्द्र है

पंजाब का औद्योगिक शहर लुधियाना भारत के 15 सबसे बड़े शहरों में से एक है और पंजाब की आर्थिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। यह शहर हौजरी, सिलाई मशीनों और साइकिल उद्योग का देश में सबसे बड़ा केन्द्र है जहां देश भर से ही नहीं बल्कि विश्व भर से व्यापारी सामान खरीदने आते हैं जिससे देश को मूल्यवान विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। 

उत्तरी भारत के इस प्रमुख औद्योगिक केन्द्र को बी.बी.सी. ने ‘भारत का मानचैस्टर’ नाम दिया हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी आबादी 16,93,653 थी जो फसल के मौसम में उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और दिल्ली से आने वाले प्रवासी श्रमिकों के कारण और बढ़ जाती है।
 
लुधियाना के व्यापारिक केन्द्रों में दाल बाजार भी एक है। हाल ही में मुझे  2-3 बार वहां जाने का अवसर मिला। पहली बार मैं वहां आर्य समाज के स्थापना दिवस सम्बन्धी एक समारोह में भाग लेने गया और दो बार नेपाल के भूकम्प पीड़ितों के लिए राहत राशि लेने।
 
एक-दूसरे से सटी दुकानों वाला दाल बाजार हौजरी के सामान के व्यापाार के मुख्य केन्द्रों में से एक है जहां प्रतिदिन करोड़ों रुपयों का कारोबार होता है। यहां  हौजरी के सामान की 525 के लगभग दुकानें हैं जिनकी आधुनिकता और भव्यता देखते ही बनती है।
 
तंग होने के कारण यह बाजार काम के दिनों में आने-जाने वालों की भीड़ से लबालब रहता है। इसीलिए यहां कभी-कभी जाम भी लग जाता है जिसमें फंस कर लोगों व यहां आने वाले व्यापारियों की जेबें कट चुकी हैं। 
 
गलियों के तंग होने के कारण ही बाजार में फायर ब्रिगेड की बड़ी गाडिय़ां नहीं पहुंच पातीं। इस कारण यहां होने वाले कई अग्निकांडों में व्यापारियों का करोड़ों रुपए का सामान नष्टï भी हो चुका है। 
 
एक बहुत बड़ा व्यापारिक केन्द्र होने के बावजूद यहां सफाई का जरा भी प्रबंध नहीं है। सड़कें टूटी होने के कारण यहां गिर कर अनेक लोग चोटिल हो चुके हैं। यहां युवाओं को भी पैदल चलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, ऐसे में महिलाओं, बच्चों और वृद्धों को यहां से गुजरने में कितनी असुविधा होती होगी इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। 
 
यही नहीं, इस बाजार में व्यापार करने वाले दुकानदारों के साथ-साथ यहां आने वाले खरीदारों और यहां से गुजरने वाले दूसरे लोगों को एक बहुत बड़े सुरक्षा संबंधी खतरे का भी सामना करना पड़ रहा है। 
 
यहां की इमारतों की छतों के ऊपर बहुत निकट से हाई वोल्टेज बिजली की तारें गुजरती हैं जिनका यहां इमारतों के ऊपर जाल-सा बना हुआ है। कुछ तारें पुरानी और जर्जर भी हो चुकी हैं व कहीं-कहीं इमारतों के ऊपर लटक भी रही हैं जिस कारण कभी कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है।
 
बाजार की दुर्दशा के संबंध में जितने भी लोगों से मेरी बात हुई सब यहां के स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों द्वारा इसकी उपेक्षा से दुखी और उनको कोसते हुए ही नजर आए। 
 
लुधियाना नगर निगम के मेयर हरचरण सिंह काफी सूझवान और मेहनती सज्जन हैं परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि वह और उनके विभाग के कर्मचारी कभी इस ओर आए ही नहीं या फिर उनका ध्यान इस बाजार में फैली गंदगी, टूटी सड़कों तथा अन्य समस्याओं की ओर नहीं गया एवं 2 कौंसलरों में बंटा होने के कारण कोई भी कौंसलर इस इलाके पर ध्यान नहीं देता।
 
ठीक यही बात मैं यहां के बिजली विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों के विषय में भी कहना चाहूंगा जिन्होंने इस क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी एक बहुत बड़ी समस्या की ओर से आंखें मूंद रखी हैं। 
 
यही नहीं, इस इलाके में 6 मंदिर भी हैं जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैंं। इस बाजार की महत्ता और इसकी जर्जर अवस्था को देखते हुए मैं पंजाब सरकार, इलाके के सांसद, अन्य जनप्रतिनिधियों, बिजली विभाग के अधिकारियों आदि से अनुरोध करूंगा कि वे इस बाजार की सुध लें और इसकी हालत सुधारने की दिशा में पग उठाएं ताकि अरबों रुपयों का व्यापार और करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने वाले इस बाजार के व्यापारियों तथा यहां आने वालों को सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण मिले जिससे यहां का कारोबार सुचारू रूप से चले।       

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