‘ब्रिटेन में भारतीय नागरिकों के आधुनिक दौर की दासता में फंसने का खतरा बढ़ा’

Edited By Updated: 27 Mar, 2018 08:49 PM

the threat of indian citizens in the modern period of enslavement

ब्रिटेन सरकार के आधिकारिक आंकड़ों में खुलासा किया गया है कि ब्रिटेन में भारतीय नागरिकों के आधुनिक दौर की दासता के चंगुल में फंसने का खतरा बढ़ा है। पिछले वर्ष यह संख्या 140 थी वहीं 2016 में यह संख्या 100 थी।     नेशनल रेफरल मेकैनिज्म (एनआरएम) ने वर्ष...

लंदन: ब्रिटेन सरकार के आधिकारिक आंकड़ों में खुलासा किया गया है कि ब्रिटेन में भारतीय नागरिकों के आधुनिक दौर की दासता के चंगुल में फंसने का खतरा बढ़ा है। पिछले वर्ष यह संख्या 140 थी वहीं 2016 में यह संख्या 100 थी। नेशनल रेफरल मेकैनिज्म (एनआरएम) ने वर्ष 2017 के आंकड़े जारी किए हैं। यह संस्था आधुनिक दासता तथा मानव तस्करी के संभावित पीड़ितों का लेखा-जोखा तैयार करती है।

नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कुल संख्या में से 25 नागरिक घरेलू दासता के शिकार हुए, 90 श्रम शोषण के शिकार हुए, 18 यौन शोषण के शिकार हुए वहीं सात लोग ‘‘अज्ञात शोषण’’ की श्रेणी में आते हैं। भारत 10 सर्वाधिक असुरक्षित देशों की सूची में आता है।

इस सूची में ब्रिटेन 819 पीडितों के साथ पहले नंबर पर हैं इसके बाद अल्बानिया (777) और वियतनाम (739)आते हैं। एनसीए के निदेशक विल केर ने कहा, ‘‘ हमारा आकलन है कि यहां जो बढोतरी हम देख रहे हैं वह जागरूकता बढने तथा आधुनिक दासता के मामले ज्यादा दर्ज होने के कारण है।’’  

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