पाकिस्तानी मोबाइल सिस्टम हैक, भाजपा की भी जासूसी कर रहा अमरीका !

Edited By ,Updated: 11 Apr, 2017 02:24 PM

us agency hacked pakistani cellular networks

विकीलीक्स ने दावा किया है कि अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजैंसी (NSA) ने पाकिस्तान के मोबाइल नैटवर्किंग सिस्टम को हैक किया है...

वॉशिंगटन/मेलबर्न: विकीलीक्स ने दावा किया है कि अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजैंसी (NSA) ने पाकिस्तान के मोबाइल नैटवर्किंग सिस्टम को हैक किया है। विकीलीक्स ने ट्वीट करके बताया कि पाकिस्तान के मोबाइल सिस्टम को हैक करने के लिए कोड सहित NSA के सैकड़ों साइबर हथियार के वर्जन सार्वजनिक रूप से जारी किए गए हैं। विकीलीक्स ने अपने ट्वीट में एक लिंक भी दिया है, जिसे NSA साइबर हथियारों से संबंधित डिक्रिप्टेड फाइलें बताया गया है। यह कोई पहली बार नहीं है जब अमेरिका की खुफिया एजेंसी एनएसए पर जासूसी का आरोप लगा हो। इससे पहले भी कई बार NSA द्वारा विदेशी सरकारों, अतंर्राष्ट्रीय संगठनों इत्यादि जासूसी किए जाने की बात सामने आ चुकी हैं।

कथित तौर पर यह बात सामने आई थी कि NSA को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत विदेशी राजनीतिक दलों की जासूसी करने के लिए अधिकृत किया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भाजपा के अलावा एनएसए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की जासूसी भी करती है। अमरीकी जासूसी कार्यक्रम के पूर्व कांट्रेक्टर एडवर्ड स्नोडेन की ओर से दी जानकारी को आधार बनाते हुए दावा किया गया था कि भारत और भाजपा की जासूसी का ठेका NSA को दिया गया था। जिस पर भारत की ओर से कड़ी नाराजगी जताई गई थी और अमरीका को इस बात से अवगत कराया गया था।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक एक क्लासीफाइड डॉक्यूमेंट सामने आया था, जिससे खुलासा हुआ था कि NSA को एफआईएसए कोर्ट सर्टिफिकेशन के अंतर्गत कई देशों, कुछ अंतराराष्ट्रीय संगठनों और पॉलिटिकल पार्टियों की जासूसी के लिए अधिकृत किया गया है। अमरीकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक फॉरेन इंटेलीजेंस सर्विलांस कोर्ट ने जिन 6 विदेशी राजनीति दलों की जासूसी की मंजूरी दी थी, उनमें भाजपा भी है। इस तरह से नजर रखने के संबंध में हर साल अदालत से एक नए प्रमाणन के लिए एफआइएसए संशोधन अधिनियम की धारा-702 के तहत मंजूरी लेनी होती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 4 देशों को छोड़कर कोई भी विदेशी सरकार एनएसए के दायरे से बाहर नहीं है। ये चार देश ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं। नजर रखने के लिए प्रमाणन के संबंध में विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हैं। समाचार पत्र के अनुसार जरूरी नहीं है कि एनएसए प्रमाणन में चिह्नित सभी देशों या संगठनों को निशाना बनाता हो। उसे ऐसा करने के लिए केवल अधिकृत किया गया है।

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