Edited By Sarita Thapa,Updated: 13 Dec, 2025 11:30 AM

देश के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख और सनातन धर्म के केंद्र, श्री काशी विश्वनाथ धाम के बहुप्रतीक्षित नवनिर्मित कॉरिडोर के उद्घाटन की चौथी वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम और धार्मिक उल्लास के साथ मनाई गई।
Kashi Vishwanath Anniversary Celebration: देश के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख और सनातन धर्म के केंद्र, श्री काशी विश्वनाथ धाम के बहुप्रतीक्षित नवनिर्मित कॉरिडोर के उद्घाटन की चौथी वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम और धार्मिक उल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर, मंदिर परिसर में कई दिनों तक चलने वाले विशेष धार्मिक अनुष्ठानों का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश के श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
अनुष्ठान का मुख्य आकर्षण और उद्देश्य
नवनिर्माण के चार साल पूरे होने की खुशी में आयोजित इस अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव का आभार व्यक्त करना और धाम की निरंतर समृद्धि तथा विश्व शांति के लिए प्रार्थना करना था।
महा रुद्राभिषेक और विशेष श्रृंगार
वर्षगांठ के मुख्य दिन सुबह से ही मंदिर के गर्भगृह में विशेष महा रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। यह अनुष्ठान काशी के प्रकांड पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुआ। बाबा विश्वनाथ का विशेष और दिव्य श्रृंगार किया गया, जिसमें उन्हें फूलों और रत्नों से सुसज्जित किया गया। यह नज़ारा देखने के लिए सुबह की मंगला आरती में भक्तों की भारी भीड़ जुटी।
गंगा आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम
नवनिर्माण के बाद धाम का सीधा जुड़ाव मां गंगा से हो गया है। इस अवसर पर, दशाश्वमेध घाट पर आयोजित होने वाली संध्याकालीन गंगा आरती को और भी भव्य रूप दिया गया। धाम परिसर में स्थापित विशाल चौराहों पर शास्त्रीय संगीत, नृत्य और भजन संध्या जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
भक्तों में प्रसाद वितरण
वर्षगांठ की खुशी में मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष महाप्रसाद की व्यवस्था की गई थी। प्रसाद में पारंपरिक मिष्ठान और फल शामिल थे, जिन्हें हजारों भक्तों में वितरित किया गया।
नवनिर्माण का महत्व
दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए इस नवनिर्मित कॉरिडोर ने काशी की तस्वीर और भक्तों के अनुभव को पूरी तरह से बदल दिया है।
सुविधा
कॉरिडोर के निर्माण से भक्तों के लिए गंगा स्नान करके सीधे बाबा के दरबार तक पहुँचना आसान हो गया है, जिससे लंबी कतारों और भीड़भाड़ में कमी आई है।
विस्तार
पहले जहां मंदिर परिसर मात्र 3,000 वर्ग फीट में सीमित था, वहीं अब यह लगभग 5 लाख वर्ग फीट तक फैल गया है, जिससे भक्तों को शांतिपूर्ण वातावरण में पूजा करने का अवसर मिलता है।
नवीनीकरण
इस परियोजना ने प्राचीन मंदिरों और संरचनाओं को संरक्षित किया है, साथ ही साथ काशी की आध्यात्मिक विरासत को भी पुनर्जीवित किया है।