Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Dec, 2025 08:39 AM
दिल्ली की हवा ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। हफ्ते की शुरुआत में थोड़ी राहत के बाद शनिवार को प्रदूषण ने फिर जोर पकड़ लिया और राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 387 तक पहुंच गया। हालात ऐसे बन गए हैं कि हवा ‘गंभीर’ श्रेणी के बिल्कुल करीब खड़ी...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की हवा ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। हफ्ते की शुरुआत में थोड़ी राहत के बाद शनिवार को प्रदूषण ने फिर जोर पकड़ लिया और राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 387 तक पहुंच गया। हालात ऐसे बन गए हैं कि हवा ‘गंभीर’ श्रेणी के बिल्कुल करीब खड़ी है, जिससे आम लोगों की सेहत पर खतरा गहराता जा रहा है।
सुबह-सुबह स्मॉग और कोहरे की चादर
शनिवार तड़के दिल्ली के कई इलाकों में घना स्मॉग और हल्का कोहरा छाया रहा। इससे दृश्यता काफी कम हो गई और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लो-विजिबिलिटी प्रोटोकॉल लागू करने पड़े। हालांकि, सभी उड़ानें सामान्य रूप से संचालित होती रहीं।
प्रदूषण हॉटस्पॉट बने सबसे बड़ी चिंता
शहर के हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 18 इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी को दर्शाता है। वजीरपुर सबसे प्रदूषित इलाका रहा, जहां AQI 443 दर्ज किया गया। इसके बाद जहांगीरपुरी (439), विवेक विहार (437), रोहिणी और आनंद विहार (434), अशोक विहार (431) तथा सोनिया विहार और डीटीयू (427) जैसे इलाके शामिल रहे।
इसके अलावा नरेला, बवाना, नेहरू नगर, पटपड़गंज, आईटीओ, पंजाबी बाग, मुंडका, बुराड़ी क्रॉसिंग, चांदनी चौक और दिल्ली विश्वविद्यालय का नॉर्थ कैंपस भी गंभीर प्रदूषण की चपेट में रहा।
एनसीआर में भी बिगड़े हालात
दिल्ली के साथ-साथ पूरे एनसीआर में भी हवा की स्थिति खराब बनी रही। गाजियाबाद और नोएडा में AQI 422 दर्ज किया गया, जो सीधे ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। गुरुग्राम में AQI 295 और फरीदाबाद में 208 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में गिना जाता है।
लगातार बदलता AQI ग्राफ
राजधानी ने नौ दिनों तक ‘बहुत खराब’ हवा झेलने के बाद मंगलवार को थोड़ी राहत महसूस की थी, जब AQI 282 पर आ गया। बुधवार को यह और सुधरकर 259 तक पहुंचा, लेकिन इसके बाद हालात फिर बिगड़ते चले गए। गुरुवार को AQI 307, शुक्रवार को 349 और शनिवार को यह बढ़कर 387 तक पहुंच गया।
कोहरा और स्मॉग ने बढ़ाई मुश्किलें
स्मॉग और हल्के कोहरे की वजह से सुबह के समय दृश्यता बेहद कम रही, जिससे यातायात प्रभावित हुआ और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी बढ़ीं। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए स्थिति ज्यादा जोखिम भरी बनी हुई है।
उत्तर भारत में सीजन का पहला घना कोहरा
मौसम विभाग के मुताबिक, यह उत्तर भारत में इस सीजन का पहला घना कोहरा है। दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में भी दृश्यता प्रभावित हुई। अगले दो दिनों तक इन इलाकों में घना कोहरा बने रहने की संभावना है, कुछ जगहों पर दृश्यता 50 मीटर से भी कम हो सकती है।
मौसम ने रोकी प्रदूषण की रफ्तार
विशेषज्ञों का कहना है कि कम हवा की गति, ज्यादा नमी और गिरते तापमान ने प्रदूषकों को वातावरण में फंसा दिया है। उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने वाली धीमी हवाओं और ठंडक की कमी के चलते हवा साफ नहीं हो पा रही है।
हालांकि दिसंबर के बावजूद दिल्ली में सर्दी का असर अभी कमजोर है। शनिवार सुबह न्यूनतम तापमान करीब 11 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि अधिकतम तापमान 22 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभों की कमी के कारण ठंडी और शुष्क हवाएं नहीं चल पा रही हैं, जिससे प्रदूषण जमा हो रहा है।
वाहन प्रदूषण पर सख्ती की तैयारी
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में वाहन प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। आयोग का कहना है कि वाहनों से निकलने वाले पीएम 2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे प्रदूषक हवा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं।
AQI का मतलब क्या है
AQI आठ प्रमुख प्रदूषकों — पीएम 2.5, पीएम 10, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया और लेड — के आधार पर तय किया जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक 301 से 400 के बीच AQI ‘बहुत खराब’ और 401 से ऊपर ‘गंभीर’ माना जाता है, जो स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
लोगों को सावधानी की सलाह
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जब तक हालात सुधरते नहीं, तब तक बाहर निकलने से बचें, खासकर सुबह-शाम के समय। मास्क का इस्तेमाल और जरूरी सावधानियां अपनाने की सलाह दी गई है, क्योंकि दिल्ली और एनसीआर में जहरीली हवा फिलहाल राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है।