कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच 12वीं कक्षा की परीक्षा शुरु

Edited By Updated: 14 Nov, 2016 03:24 PM

board exams starts in kashmir

घाटी में पिछले चार महीनों से ज्यादा समय से चली आ रही अशांति और हिंसा के बीच सोमवार (14 नवंबर) को 12वीं कक्षा की वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गईं।

श्रीनगर (मजीद):

श्रीनगर (मजीद): घाटी में पिछले चार महीनों से ज्यादा समय से चली आ रही अशांति और हिंसा के बीच सोमवार (14 नवंबर) को 12वीं कक्षा की वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गईं।
जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के 12वीं की परीक्षाएं सोमवार से तो 10वीं की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू होंगी। एग्जाम घाटी के 1000 से ज्यादा सेंटर्स पर होंगे, जिसमें एक लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा में शामिल होंगे।


 घाटी में हर साल अक्टूबर-नवंबर तक एक सत्र की पढ़ाई चलती है और इस साल छात्रों ने मुश्किल से 90 दिन की क्लास अटेंड की होगी। घाटी में 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से ही यहां हिंसा फैल गई थी। जिसके बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था। इसके अलावा स्कूलों को आग लगाए जाने की भी कई घटनाएं सामने आई हैं।
परीक्षा देने वालों में कई ऐसे भी छात्र हैं जो एक आंख से देख नहीं पा रहे। हिंसा और प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल किया था, जिसमें कई बच्चे भी घायल हुए थे।


तबिश राकिब उन्हीं बच्चों में से एक हैं। आंख में लगी पैलेट गन के कारण 16 साल का तबिश एक बार लगातार 20 मिनट से ज्यादा पढ़ नहीं पाता। श्रीनगर के बाहरी इलाके में इलाहीबाग स्थित ग्रीन पब्लिक स्कूल के 10 वीं छात्र जुनैद ने कहा कि मैंनें परीक्षा दी लेकिन मुझे नहीं लगता कि मेरे ज्यादा नंबर आ पाएंगे।
घाटी में 9 जुलाई से हिंसा शुरू हुई थी, जिसके 17 दिन बाद ही लंबी छुट्टी के बाद स्कूल खुलने थे। ऐसी स्थिति में छात्र स्कूल तो जा ही नहीं पाए साथ ही प्राइवेट ट्यूशन भी नहीं ले सके। वहीं, जब जम्मू-कश्मीर सरकार ने बोर्ड एग्जाम कराने का फैसला किया तो छात्र भी तैयार हो गए। दरअसल सभी छात्र अपना साल बर्बाद होने से बचाना चाहते हैं। परीक्षाओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने कड़ी सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था देने का वादा किया है।


हिंसक वारदातों के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में प्रशासन ने पेट्रोल की बिक्री पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कुछ लोग परीक्षाओं के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं। प्रशासन के लिए चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि दो दर्जन से ज्यादा स्कूली इमारतें जलाई जा चुकी हैं।
इस बीच पहली बार परीक्षा सामग्री का जिम्मा पुलिस को दिया गया और परीक्षा केन्द्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।बोर्ड के चेयरमैन जहूर अहमद चाट ने कहा कि प्रश्न पेपर पुलिस द्वारा केन्द्रों तक पहुंचाए गए। बोर्ड ने केन्द्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील श्रेणियों में रखे हैं।
वहीं, सभी परीक्षा केन्द्रों के आस पास धारा 144 लागू है। स्थिति की निगरानी के लिए पुलिस के विशेष दस्तों को तैनात किया गया।

 

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