Edited By ,Updated: 06 Aug, 2016 03:29 PM
नाग पूजा के विधान करने में घंटों लग जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि नागपंचमी के दिन यदि नाग देवता को दूध पिलाया जाए या शिव मंदिर में नाग पूजा करके जलाभिषेक किया जाए तो
नाग पूजा के विधान करने में घंटों लग जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि नागपंचमी के दिन यदि नाग देवता को दूध पिलाया जाए या शिव मंदिर में नाग पूजा करके जलाभिषेक किया जाए तो काल सर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है और ग्रहों के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। इसके अतिरिक्त राशिनुसार भी कालसर्प दोष के उपाय किए जा सकते हैं
मेष- बैल को जौ खिलाएं।
वृषभ- मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थान पर सफेद ध्वजा चढ़ाएं।
मिथुन- गाय को हरी मूंग की दाल खिलाएं।
कर्क- पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करने के उपरांत नाग देव का पूजन करें।
सिंह- एक मुट्ठी जौ लेकर गौ मूत्र से साफ करें और उसे लाल कपड़े में बांध दें।
कन्या- हाथी दांत से र्निमित कोई भी वस्तु सदैव अपने पास रखें।
तुला- हनुमान जी को लाल चंदन अर्पित करें।
वृश्चिक- गौ मूत्र से स्नान करने के उपरांत उसे पीएं।
धनु- चलते जल में जौ प्रवाहित करें।
मकर- रूद्र भगवान के मंदिर में रुद्राभिषेक करने के उपरांत रुद्र पाठ करें।
कुंभ- रात को सोते समय सिरहाने के पास एक कटोरी दूध रखें। सुबह वह दूध कुत्ते को पिला दें।
मीन- मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।