‘भयंकर अशांति की शिकार दुनिया’ वर्ष 2026 में तीसरे विश्व युद्ध की आहट!

Edited By Updated: 31 Dec, 2025 04:26 AM

a world gripped by terrible unrest

आज 31 दिसम्बर आधी रात को वर्ष 2025 विदा हो जाएगा और लोग नई उमंग तथा नई आशाओं के साथ नव वर्ष 2026 का स्वागत करेंगे, लेकिन संकेत बता रहे हैं कि इस नए वर्ष में भयंकर अशांति की शिकार दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडराता रहेगा। रूस व यूक्रेन में...

आज 31 दिसम्बर आधी रात को वर्ष 2025 विदा हो जाएगा और लोग नई उमंग तथा नई आशाओं के साथ नव वर्ष 2026 का स्वागत करेंगे, लेकिन संकेत बता रहे हैं कि इस नए वर्ष में भयंकर अशांति की शिकार दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडराता रहेगा। रूस व यूक्रेन में फरवरी, 2022 में शुरू हुआ युद्ध अभी भी जारी है। इस युद्ध में यूक्रेन लगभग तबाह हो चुका है। अनुमानों के अनुसार दोनों पक्षों के लगभग 15 लाख लोग मारे जा चुके हैं तथा अमरीका के राष्टï्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दोनों देशों में शांति करवाने की कोशिशें नाकाम रही हैं। इस बीच यूक्रेन ने 28-29 दिसम्बर को रूस के राष्ट्रपति ‘पुतिन’ के घर पर 91 ड्रोनों से  हमला किया जिस पर पुतिन भड़क उठे तïथा रूस के विदेश मंत्री ‘लावरोव’ ने चेतावनी भी दे दी है कि,‘‘ऐसी कार्रवाइयों का रूस पूरी ताकत से जवाब देगा और इसके लिए लक्ष्य चुन लिए गए हैं।’’ 

यूक्रेन की सहायता करने के नाम पर यूरोपीय देशों के सैन्य संगठन ‘नाटो’ में भी फूट पड़ गई है। ‘नाटो’ के सदस्य देशों में एकता की कमी भी इसे कमजोर बना रही है तथा अमरीका ने इसे देने वाली सहायता में भी भारी कटौती कर दी है। इसराईल और हमास के बीच अक्तूबर, 2023 में शुरू हुआ संघर्ष अभी भी जारी है। संघर्ष के मूल कारणों में इसराईल का कब्जा, फिलिस्तीनी राज्य का इसराईल के अधीन न होना और दोनों पक्षों के बीच पुरातन काल से चली आ रही शत्रुता शामिल है। इस संघर्ष के कारण गाजा में बड़े पैमाने पर मानवीय संकट उत्पन्न हुआ है। चीन और ताईवान के बीच लम्बे समय से जारी संघर्ष भी वर्ष 2026 में समाप्त होने के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। ताईवान को चीन अपना एक प्रांत मानता है और उसे अपने अधीन लाने की धमकी देता रहता है। ताईवान की जापान से नजदीकी को लेकर भी चीन भड़का हुआ है। हाल ही में चीन ने ताईवान के समुद्री क्षेत्र में युद्धाभ्यास किया और ताईवान पर हमला करने के लिए निशाना बनाए जाने वाले  लक्ष्यों को भी चुन लिया है। दूसरी ओर ताईवान ने चीन के कदम की सख्त ङ्क्षनदा करते हुए कहा है कि अपने द्वीप की रक्षा करने के लिए ताईवान की सेना भी हाई अलर्ट पर है। 

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में भी टकराव की स्थिति बनी हुई है और उत्तर कोरिया ने अपनी लम्बी दूरी की क्रूज मिसाइलों का परीक्षण करके अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। जहां उत्तर कोरिया का नेता ‘किम जोंग उन’ दक्षिण कोरिया के अमरीका के साथ संबंधों को लेकर भड़का हुआ है, वहीं दक्षिण कोरिया का कहना है कि वह अमरीका के साथ अपने गठबंधन के माध्यम से संभावित उकसावे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। इनके अलावा भी विश्व के दर्जनों देश एक-दूसरे से उलझे हुए हैं या गृह युद्ध के शिकार हैं जिनमें सूडान, म्यांमार, माली, नाईजर, बुर्कीना फासो, कांगो, तुर्की, हंगरी व यमन आदि शामिल हैं। युद्धरत देशों को पहले और दूसरे विश्व युद्धों को याद करके उनसे सबक लेना चाहिए।  28 जुलाई, 1914 से 11 नवम्बर, 1918 तक चले पहले विश्व युद्ध में लगभग 9 करोड़ सिपाहियों व 1.3 करोड़ नागरिकों की मृत्यु हुई थी तथा 1939 से 1945 के बीच हुए दूसरे विश्व युद्ध में कुल 2.40 लाख से अधिक सैनिकों की जान गई थी। और अब द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के 80 वर्ष बाद इसी तरह के एक और विश्व युद्ध की आहट सुनाई दे रही है। 

गाजा में इसराईल द्वारा मचाई गई तबाही के परिणामस्वरूप समूचा गाजा क्षेत्र इस हद तक नष्टï हो चुका है कि उसे दोबारा खड़ा करने में 20 वर्ष से अधिक समय लग जाएगा। इसी प्रकार यदि आज भी युद्ध विराम हो जाए तो यूक्रेन में हुई तबाही को सुधारने में वर्षों लग जाएंगे। 
अत: पाठकों को नव वर्ष की बधाई देते हुए हम तो यही कामना करेंगे कि दुनिया में युद्ध न हों, देशों के छोटे-मोटे झगड़ों को आपसी सहमति से सुलझाने की कोशिश की जाए ताकि लोग दुनिया में शांतिपूर्वक प्रेम-प्यार से रह सकें।—विजय कुमार 

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