मदद के नाम पर चीन कर रहा नेपाल में अवैध कब्जे

Edited By ,Updated: 24 Sep, 2020 01:54 AM

china is doing illegal occupation in nepal in the name of help

विश्व के एकमात्र हिन्दू देश और अपने निकटतम पड़ोसी नेपाल के साथ सदियों से हमारे गहरे संबंध चले आ रहे हैं और दोनों ही देशों के लोगों के बीच ‘रोटी और बेटी’ का रिश्ता रहा है। हमारा देश नेपाल का सबसे बड़ा मददगार और सहयोगी रहा है तथा हमारी

विश्व के एकमात्र हिन्दू देश और अपने निकटतम पड़ोसी नेपाल के साथ सदियों से हमारे गहरे संबंध चले आ रहे हैं और दोनों ही देशों के लोगों के बीच ‘रोटी और बेटी’ का रिश्ता रहा है। हमारा देश नेपाल का सबसे बड़ा मददगार और सहयोगी रहा है तथा हमारी सरकार ने उसे अरबों रुपए की सहायता देने के अलावा ‘कोरोना’ महामारी का सामना करने के लिए 23 टन अनिवार्य दवाएं भेजी हैं। दोनों देशों के बीच कुछ वर्ष पूर्व तक सब ठीक चल रहा था परंतु जब से चीन ने नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव आदि को विभिन्न प्रलोभन देकर अपने अहसानों के प्रभाव में लेना शुरू किया है, इनके भारत विरोधी तेवर तेज हो गए हैं। यही नहीं तिब्बत पर तो उसने कब्जा कर लिया है। 

भारत विरोध की इसी कड़ी में नेपाल ने हाल ही के समय में अनेक भारत विरोधी निर्णय लिए हैं जिनमें भारत के तीन इलाकों ‘लिपुलेख’, ‘कालापानी’ व ‘लिपियाधुरा’ पर अपना दावा जता कर उन्हें अपने देश के मानचित्र में शामिल करके इस मानचित्र को अपनी नौवीं और बारहवीं की पाठ्य पुस्तकों में शामिल करना, समूची भारत-नेपाल सीमा सील करके नेपाल पुलिस के जवानों को वहां तैनात करना और भारतीय क्षेत्रों पर भी नेपाल के झंडे लगाना आदि शामिल है। यही नहीं, नेपाल सरकार ने अपने सिक्कों पर ‘काला पानी’ को शामिल करके एक तथा दो रुपए मूल्य के नए सिक्कों की ढलाई करने का आदेश भी नेपाल के राष्ट्रीय बैंक को जारी किया है। 

सपा सांसद रवि प्रकाश वर्मा के अनुसार नेपाल सरकार ने प्रोटोकोल को दरकिनार करके नेपाल सीमा पर बहने वाली मोहना नदी के उत्तरी हिस्से की भराई करके उसे पक्का कर दिया है जिससे भारत के हिस्से में पानी का प्रवाह बढ़ जाने से भारत के अनेक क्षेत्रों में बाढ़ आ गई। यह एक सच्चाई है कि नेपाल में चीन का बढ़ता प्रभाव वास्तविक है तथा इसमें काफी समय से वृद्धि होती चली जा रही है। जानकारों के अनुसार ओली के तेवरों में यह भारत विरोध चीन के सक्रिय समर्थन के बिना नहीं आ सकता था। 

नेपाल की राजनीति से लेकर उसकी अर्थव्यवस्था तक पर चीन का बढ़ता प्रभाव स्पष्ट दिखाई देने लगा है और वहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर, सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने और लोगों पर उसके प्रभाव की छाप पक्की हो गई है। एक ओर नेपाल में अरबों रुपए की परियोजनाएं शुरू करके चीन उसे अपने वश में कर रहा है तो दूसरी ओर चीन ‘चोर पर मोर’ वाली कहावत को चरितार्थ करते नेपाल की जमीन पर चुपके-चुपके अवैध कब्जे करता जा रहा है जिस पर नेपाल के शासकों ने चुप्पी साध रखी है। इसकी ताजा मिसाल है कि चीन ने 2 वर्षों के दौरान योजनाबद्ध तरीके से वहां के ‘गोरखा’ जिले के गांव ‘रूई’ पर कब्जा कर लिया है और इसे वैध दर्शाने के लिए वहां लगे सभी सीमा स्तम्भ उखाड़ दिए हैं। यह गांव अब चीन के पूर्ण नियंत्रण में है तथा इस गांव के 72 घरों के निवासी अपनी मूल पहचान कायम रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 

नवीनतम समाचारों के अनुसार सर्दियों के मौसम में नेपाली सुरक्षा कर्मियों की अनुपस्थिति में चीन ने सरहद के भीतर नेपाल के ‘हुम्ला’ जिले के नाम्खा गांव में एक और हिस्से पर कब्जा जमा कर 9 इमारतें बना ली हैं। चीन की दादागिरी यहीं पर समाप्त नहीं होती बल्कि इससे भी आगे बढ़ते हुए चीन ने इन इमारतों के आस-पास स्थानीय लोगों का प्रवेश रोक दिया है।चीन ने तिब्बत में सड़क बनाने के बहाने नेपाल की भूमि पर भी कब्जा कर रखा है। पूरी तरह हड़पने की नीयत से चीन ने नेपाल में 10 स्थानों पर धीरे-धीरे कब्जा जमा लिया है तथा नेपाल की 33 हैक्टेयर भूमि पर नदियों की धारा बदल कर प्राकृतिक सीमा बना दी है। 

चीन द्वारा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टी.ए.आर.) में सड़क नैटवर्क के निर्माण के चलते नदियों का रास्ता बदल देने से वे नेपाल की ओर बहने लगी हैं जिससे वहां बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है और यदि यह सिलसिला जारी रहा तो नेपाल का बड़ा हिस्सा ‘टी.ए.आर.’ में चला जाएगा। स्पष्ट है कि भारत को भुला कर चीन के एहसानों तले दबे नेपाल के शासकों ने चीनी शासकों की कुटिल चालों को न भांपते हुए ही भारत विरोधी तेवर अपना रखे हैं, लिहाजा उनके इस रवैये को पलटने और नेपाल को चीन के प्रभाव से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार को विवेकपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाने होंगे अन्यथा जहां हम एक निकटतम पड़ोसी से हाथ धो बैठेंगे, वहीं हमारा एक शत्रु हमारी सीमाओं के और निकट आ जाएगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!