प्रतिकूल हालात के बावजूद ‘बाबा अमरनाथ के दरबार में पहुंच रहे श्रद्धालु’

Edited By Pardeep,Updated: 01 Jul, 2018 02:34 AM

despite the bad situation devotees arriving in the court of baba amarnath

तीर्थ यात्राएं अनेकता में भारत की एकता की प्रतीक हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने देशभर में उत्तर से दक्षिण व पूर्व से पश्चिम तक तीर्थों की स्थापना देश की सांस्कृतिक एवं भावनात्मक एकता को बनाए रखने के लिए ही की थी। बाबा अमरनाथ जी की यात्रा करोड़ों शिव...

तीर्थ यात्राएं अनेकता में भारत की एकता की प्रतीक हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने देशभर में उत्तर से दक्षिण व पूर्व से पश्चिम तक तीर्थों की स्थापना देश की सांस्कृतिक एवं भावनात्मक एकता को बनाए रखने के लिए ही की थी। 

बाबा अमरनाथ जी की यात्रा करोड़ों शिव भक्तों की आस्था का केंद्र ही नहीं, जम्मू-कश्मीर के सभी धर्मों के लोगों को एक भावनात्मक बंधन में बांधने एवं भाईचारा मजबूत करने का माध्यम भी है। इस पवित्र गुफा की खोज बूटा मोहम्मद नामक नेक दिल मुसलमान ने की थी। यात्रा मार्ग में लखनपुर से गुफा तक 120 से अधिक स्वयंसेवक मंडलियों द्वारा लंगर लगाए जाते हैं जो रक्षाबंधन तक यहां श्रद्धालुओं के खाने-पीने, ठहरने, दवाओं आदि की सेवा करती हैं। 

इस यात्रा से स्थानीय घोड़े, पिट्ठू व पालकी वाले अच्छी कमाई करते हैं। इसी आय से क्षेत्र के लोग अपने बेटे-बेटियों तथा अन्य परिजनों की शादियां या नए मकानों का निर्माण तथा खरीदारी आदि करते हैं। इस यात्रा से जम्मू-कश्मीर सरकार को भी करोड़ों की आय होती है। इस वर्ष अभी तक 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण करवाया है तथा पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ श्री अमरनाथ की पवित्र यात्रा का श्रीगणेश हो चुका है। इसके संचालन हेतु जम्मू-कश्मीर पुलिस, अद्र्धसैनिक बलों, एन.डी.आर.एफ. और सेना के लगभग 40,000 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। 

जत्थे में सी.आर.पी.एफ. ने पहली बार ऐसे मोटरसाइकिल दस्ते भी शामिल किए हैं जो यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ जरूरत पडऩे पर यात्रियों के लिए लघु एम्बुलैंस का काम भी करेंगे। प्रदेश की अशांत स्थिति और यात्रा पर आतंकवादी हमलों की आशंका के बीच आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के फील्ड आप्रेशनल कमांडर रियाज नाइकू ने यह बयान दिया है कि, ‘‘अमरनाथ यात्री हमारे मेहमान हैं और आतंकवादियों द्वारा यात्रियों पर हमले किए जाने की योजनाओं की रिपोर्ट निराधार है। अमरनाथ यात्रा हमारा निशाना नहीं है।’’ 

यात्रा के पहले दिन 27 जून को यात्री निवास भगवती नगर जम्मू से सुबह-सवेरे अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच श्रीनगर के लिए रवाना हुआ तथा 2995 शिव भक्तों को 113 वाहनों में बालटाल और नूनवान (पहलगाम) बेस कैम्प के लिए भेजा गया। अगले दिन 28 जून को बारिश के बावजूद जम्मू से 3444 यात्रियों के दूसरे जत्थे को यात्री निवास भगवती नगर से श्रीनगर के बालटाल और नूनवान बेस कैम्प के लिए 195 छोटे-बड़े वाहनों में रवाना किया गया जिनमें युवाओं और बुजुर्गों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। 

29 जून को वर्षा से यातायात अवरुद्ध होने के बीच 2876 तीर्थ यात्रियों का तीसरा जत्था जम्मू से रवाना हुआ परंतु वर्षा के कारण बालटाल मार्ग पर जगह-जगह होने वाले भूस्खलनों और काली माता मंदिर ट्रैक क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इस मार्ग से अमरनाथ यात्रा निलंबित रही तथा 5000 से अधिक श्रद्धालु बालटाल व पहलगाम आधार शिविर में फंस गए। खराब मौसम के कारण 30 जून को भी जम्मू से कोई जत्था रवाना नहीं हुआ तथा लखनपुर में भी यात्रियों को रोक लिया गया परंतु 29 जून को ऊधमपुर में रोके गए जत्थे को 30 जून को आगे रवाना किया गया। 

सर्दी, खराब मौसम, पहाड़ी मार्ग की कठिनाइयों, ऑक्सीजन की कमी, पुलों की खस्ता हालत, बरसात एवं फिसलन और रास्ते में रोशनी का प्रबंध न होने के बावजूद यात्री भोले बाबा के दरबार में ‘बम-बम भोले’ और ‘हर-हर महादेव’ का उद्घोष करते हुए किसी भी प्रकार के खतरे की चिंता किए बिना पहुंच रहे हैं जिसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। अनन्य श्रद्धा की भावना से परिपूर्ण भोले बाबा के ये श्रद्धालु सही अर्थों में देश की एकता और अखंडता के ध्वजवाहक, शांतिदूत, अडिग आस्था के प्रतीक हैं जो राष्ट्रविरोधी तत्वों को स्पष्टï संदेश देते हैं कि देश को तोडऩे की उनकी कोशिशें सफल न होंगी। अत: यात्रियों के साहस को जितना भी नमन किया जाए कम है।-विजय कुमार

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!