चुनावी वर्ष आया और खुलने लगे ‘पिटारे’

Edited By Pardeep,Updated: 04 Jan, 2019 04:00 AM

election year came and opened  pitara

इसी वर्ष देश में लोकसभा के चुनावों के अलावा छ: राज्यों के चुनावों के दृष्टिïगत हमेशा की तरह केंद्र एवं विभिन्न राज्यों की सरकारों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह की लोक लुभावन घोषणाएं शुरू कर दी हैं। 22 दिसम्बर को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार...

इसी वर्ष देश में लोकसभा के चुनावों के अलावा छ: राज्यों के चुनावों के दृष्टिïगत हमेशा की तरह केंद्र एवं विभिन्न राज्यों की सरकारों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह की लोक लुभावन घोषणाएं शुरू कर दी हैं। 

22 दिसम्बर को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 33 आइटमों पर जी.एस.टी. की दरें कम करने तथा 2 आइटमों पर समाप्त करने की घोषणा की जो 1 जनवरी से लागू हो गई हैं। इससे 32 इंच वाले टी.वी., आटोमोबाइल, सीमैंट, 100 रुपए से अधिक वाली सिनेमा टिकट, वी.सी.आर., लिथियम बैटरी, वीडियो गेम्स, डिजीटल कैमरा, कम्प्यूटर मॉनीटर, पावर बैंक, टायर, एयर कंडीशनर, वाशिंग मशीन, वाटर हीटर व थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरैंस प्रीमियम आदि सस्ते हो गए हैं। 

22 दिसम्बर को ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने किसानों की आजीविका व आय वृद्धि के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की ‘कृषक सहायता योजना’ (के.ए.एल.आई.ए.) को स्वीकृति दी है। इसमें कृषक परिवारों को खरीफ और रबी की प्रत्येक खेती के लिए 5-5 हजार रुपए के हिसाब से वर्ष में 10,000 रुपए सहायता देने का प्रावधान है। इसके अलावा बीमार किसानों व भूमिहीन कृषि श्रमिकों के लिए 2 लाख रुपए का जीवन बीमा और 2 लाख रुपए का अतिरिक्त दुर्घटना बीमा करने व 50,000 रुपए तक के ब्याज मुक्त कृषि ऋण का प्रावधान भी रखा गया है। 

27 दिसम्बर को महाराष्टï्र की देवेंद्र फडऩवीस सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2019 से लागू करने की घोषणा की है। इससे सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के वेतन तथा पैंशन में औसतन 23 प्रतिशत तक के हिसाब से प्रति मास 4 से 14 हजार रुपए तक की वृद्धि होगी। इससे महाराष्टï्र सरकार के 20.50 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इससे सरकार के खजाने पर 20,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। 31 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए अनेक रियायतों की घोषणा की जिसमें बिजली चोरी के मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज न करवाने और बड़ी राशि के बकाया बिलों वाले किसानों के केसों का एक बार में निपटारा करने की योजना शामिल है।

31 दिसम्बर को बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने किसानों के लिए 2 योजनाओं की घोषणा की। किसानों के लिए फसल बीमा योजना शुरू की गई है जिसका प्रीमियम सरकार भरेगी। इसी प्रकार दूसरी योजना के अंतर्गत किसान परिवारों को प्रति वर्ष 5000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सहायता देने के अलावा 18 से 60 साल की उम्र के बीच किसान की मौत होने पर 2 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। 02 जनवरी को पंजाब में कै. अमरेंद्र सिंह की सरकार ने राज्य के युवाओं को 12 जी.बी. डाटा व 600 लोकल मिनट टॉकटाइम सहित स्मार्ट फोन देने का निर्णय लिया है जो लोकसभा चुनावों से पहले मार्च में दिए जाने की संभावना है। पंजाब के म्यूनीसीपल क्षेत्रों में 30 जून, 2018 तक बनी अवैध इमारतों को वन टाइम सैंटलमैंट पालिसी के जरिए नियमित करने की नीति को भी हरी झंडी दी गई है। नियमों के उल्लंघन के जिम्मेदार पाए जाने वालों के लिए भी एकमुश्त निपटारा बिना किसी पक्षपात के लागू होगा। 

यही नहीं लोगों को लुभाने के लिए मोदी सरकार लोकसभा चुनावों से पहले देश में ‘यूनिवर्सल बेसिक इन्कम स्कीम’ लागू करने की योजना भी बना रही है जिसके अंतर्गत किसान, व्यापारी और बेरोजगार युवाओं को हर महीने 2000 से 2500 रुपए तक की निश्चित रकम मिलेगी। देश के तीन करोड़ से अधिक पैंशन धारक वृद्धों, दिव्यांगों और विधवाओं को दी जाने वाली न्यूनतम पैंशन पांच गुणा बढ़ाने की तैयारी के अलावा अन्य लोक-लुभावन योजनाएं भी बनाई जा रही हैं। स्पष्टतः केंद्र व राज्यों की सरकारें चुनावों को सामने रखकर ही उनके निकट आने पर इस तरह के पग उठाती हैं ताकि मतदाताओं को उनके द्वारा दिए गए प्रलोभन याद रहें और वे चुनाव के समय उनके पक्ष में वोट डाल कर इसकी कीमत चुका दें।—विजय कुमार  

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