अदालतों में ‘गोलीबारी’ और ‘गैंगवार’ लगातार जारी

Edited By ,Updated: 19 May, 2017 10:29 PM

firing and gangwar continuously in courts

आज देश में कानून व्यवस्था का बुरी तरह भट्ठा बैठा हुआ है और हर ओर....

आज देश में कानून व्यवस्था का बुरी तरह भट्ठा बैठा हुआ है और हर ओर लाकानूनी तथा अफरा-तफरी का माहौल है। अपराधियों के हौसले इस कदर बढ़ चुके हैं कि अब तो अदालतें भी सुरक्षित नहीं रहीं। 

हालत यह है कि एक ओर तो अदालतों में पेशी के लिए लाए गए कैदी सुरक्षा कर्मचारियों को चकमा देकर फरार होने में सफल हो रहे हैं तथा दूसरी ओर वे सुरक्षा प्रबंधों की धज्जियां उड़ाते हुए विभिन्न मुकद्दमों के महत्वपूर्ण गवाहों और अदालतों में पेशी भुगतने के लिए लाए गए आरोपियों की बेधड़क हत्याएं कर रहे हैं जिसके चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

04 जनवरी को यमुनानगर कोर्ट परिसर में 2 युवकों ने पेशी पर आए एक युवक और पुलिस के सब-इंस्पैक्टर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी जिससे पेशी पर आया युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। 22 मार्च को हरियाणा में अम्बाला से झज्जर के अदालत परिसर में आसौदा सिवान के सरपंच राम बीर और उसके पिता बलबीर सिंह की हत्या के केस में सुनवाई के लिए पुलिस द्वारा लाए गए आसौदा गांव के पूर्व सरपंच राजीव उर्फ काला की 2 बंदूकधारियों ने गोलियां मार कर हत्या कर दी। 

28 मार्च को हत्या के प्रयास के एक केस में पेशी भुगत कर रोहतक अदालत परिसर से बाहर निकल रहे हिस्ट्रीशीटर रमेश लोहार की महिलाओं के वेश में आए अज्ञात बंदूकधारियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या करने के अलावा उसके साथ चल रहे उसके 7 साथियों को भी घायल कर दिया और फायर करते हुए भाग खड़े हुए। 31 मार्च को नालागढ़ अदालत में पेशी के लिए लाया गया एक हत्यारोपी बाथरूम जाने के बहाने अपनी सुरक्षा में तैनात पुलिस के कर्मचारियों को चकमा देकर बाथरूम की खिड़की के रास्ते फरार हो गया। 

29 अप्रैल को नई दिल्ली की रोहिणी अदालत मेंं सुनवाई के लिए ले जाते समय राजेश नामक एक कुख्यात अपराधी की, जब वह अदालत परिसर के गेट नं. 5 के बाहर पुलिस वाहन से उतर रहा था, छाती में गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। 11 मई को बिहार के पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय स्थित एक अदालत परिसर में पेशी भुगत कर बाहर आते समय बबलू दुबे की घात लगाए 3 अपराधियों ने गोलियों की बौछार करके हत्या कर दी और मोटरसाइकिल पर बैठ कर फरार हो गए। बबलू ने 2016 में नेपाली उद्योगपति सुरेश केडिया के सनसनीखेज अपहरण को जेल में रहते हुए अंजाम दिया था तथा उसकी रिहाई के बदले में 100 करोड़ रुपए फिरौती की मांग की थी। 

बबलू दुबे को 2013 में नेपाल पुलिस की सहायता से गिरफ्तार किया गया था और उसके विरुद्ध 10 लाख रुपए रंगदारी मांगने के अलावा हत्या, अपहरण और जब्री फिरौती वसूली के 40 केस चल रहे थे। ...और अब 18 मई को हत्या के एक मामले में पेशी भुगतने के लिए पुलिस द्वारा साथियों सहित भिवानी लाए गए हत्यारोपी व गांव कालौद के पूर्व सरपंच शेर सिंह की उस समय हत्या कर दी गई जब वह इस केस में फैसला सुनाए जाने से पूर्व कोर्ट में हाजिरी लगाने के बाद चाय आदि पीने के लिए बाहर आ रहा था। 

उक्त घटनाएं इस बात की साक्षी हैं कि देश में महत्वपूर्ण ठिकानों पर भी सुरक्षा प्रबंध किस सीमा तक ढीले हो चुके हैं और अपराधियों का साहस इतना बढ़ चुका है कि वे कहीं भी और कभी भी वारदात करने में सक्षम हैं। हमेशा की तरह हर बार जब भी ऐसी कोई घटना होती है तो पुलिस प्रशासन की ओर से तुरंत ‘हरकत’ में आकर अपने स्टाफ को चुस्त करने की बात कही जाती है परंतु परिणाम वही ढाक के तीन पात ही रहता है। आज अदालतों में पेशी के लिए लाए गए लोग मारे जा रहे हैं। कल को वकीलों और अपराधियों के पक्ष में फैसले न देने पर जजों पर भी हमलों की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। 

अत: इस खतरनाक रुझान को रोकने के लिए अदालतों में सुरक्षा प्रबंधों को तत्काल पक्के तौर पर मजबूत और अचूक बनाने की आवश्यकता है ताकि अपराधियों में भय पैदा हो और वे ऐसा कोई कृत्य न कर सकें जिससे अदालतों में पेशी के लिए आने वालों या अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार का खतरा पैदा हो सकता हो।—विजय कुमार 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!