‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ एक दिन का आयोजन बन कर न रह जाए!

Edited By ,Updated: 23 Jun, 2023 04:38 AM

international yoga day  should not remain a one day event

लोगों के स्वास्थ्य एवं समाज पर पडऩे वाले योग साधना के सकारात्मक प्रभावों का संदेश दुनिया भर में पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के आयोजन का प्रस्ताव रखा था जिसके बाद...

लोगों के स्वास्थ्य एवं समाज पर पडऩे वाले योग साधना के सकारात्मक प्रभावों का संदेश दुनिया भर में पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के आयोजन का प्रस्ताव रखा था जिसके बाद प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सिलसिला शुरू किया गया। इस वर्ष 21 जून को भारत के साथ-साथ दुनिया भर में यह दिन पिछले वर्षों से भी अधिक जोर-शोर से मनाया गया। 

इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका में होने के कारण वहां उनके नेतृत्व में न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उद्यान में यह दिन मनाया गया। इसमें प्रधानमंत्री के साथ बड़ी संख्या में 180 देशों के खास और आम लोगों ने योगाभ्यास किया जिसके लिए इस आयोजन को ‘गिनीज विश्व रिकार्ड’ का प्रमाण पत्र दिया गया है। इस मौके पर भारत के अलावा विश्व के अनेक देशों में योग शिविर लगाए गए। ब्रिटेन की राजधानी लंदन में ट्राफलगर स्क्वायर पर आयोजित योग दिवस समारोह में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ-साथ स्थानीय योग प्रेमी भी 2 घंटे के लिए एकत्रित हुए। सिंगापुर में ‘लिटल इंडिया’ स्थित श्री श्रीनिवास पेरुमल मंदिर में एक घंटे का कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

नेपाल के काठमांडू, पोखरा, गौतमबुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी एवं अन्य स्थानों पर भी योग करने वालों ने भाग लिया। मलेशिया के बातू केव्स टैम्पल, जापान में टोक्यो के सुकीजी होंगनजी टैम्पल आदि में भी आयोजन हुए। पाकिस्तान के लाहौर, कराची, इस्लामाबाद आदि शहरों में योग दिवस के अवसर पर विभिन्न आयोजनों में स्थानीय योग प्रेमियों ने भाग लिया। 

‘पाकिस्तान योग कौंसिल’ की ओर से अनेक योग गुरु योग सिखाने के साथ-साथ इसके लाभों के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। कराची शहर में रहने वाले योग साधक विनेश कुमार आर्य तथा शमशाद हैदर उर्फ योगी हैदर वहां योग को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। योगी हैदर के अनुसार ‘सूर्य नमस्कार’ सूर्य को सम्मान देने का एक तरीका हो सकता है। उनका कहना है कि,‘‘लोग ‘सूर्य नमस्कार’ की मुद्रा को प्रणाम के हिन्दू तरीके के रूप में न लें बल्कि अभ्यास के तरीके और कसरत के हिस्से के रूप में देखेेंं। यह सूर्य के साथ हमारा संबंध स्थापित करेगा।’’ जिस प्रकार कोरोना काल में भारत ने लगभग 150 देशों को कोरोना के टीके देकर तथा अन्य तरीकों से सहायता देकर उनके प्राण बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उसी प्रकार विश्व को ‘योग’ के रूप में अपनी प्राचीन धरोहर देकर लोगों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने की दिशा में पहल की है। 

विश्व में अनेक ‘विशेष दिवस’ मनाए जाते हैं। इनमें 14 फरवरी को वैलेंटाइन्स डे, 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस, 1 मई को श्रमिक दिवस, मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस (मदर्स डे), 7 जून को खाद्य सुरक्षा दिवस, 14 जून को रक्तदाता दिवस, जून के तीसरे रविवार को पितृ दिवस (फादर्स डे), 1 जुलाई को डाक्टर दिवस, अगस्त के पहले रविवार को अंतरराष्ट्रीय मैत्री दिवस आदि शामिल हैं। परंतु इन दिनों को मात्र एक औपचारिकता की तरह मना कर लोग रस्म अदायगी सी कर देते हैं। जैसे कि फादर्स डे या मदर्स डे पर अपने पिता-माता को फूलों का गुलदस्ता या कोई उपहार देकर ही संतुष्ट हो जाते हैं जो उचित नहीं। सम्मान की जैसी भावना हम किसी एक दिन प्रदर्शित करते हैं वही वर्ष भर होनी चाहिए। 

‘योग दिवस’ को भी मात्र एक दिन मना कर भूल जाना उचित नहीं, बल्कि इसे अपने जीवन का एक नियमित हिस्सा बनाकर प्रतिदिन सुबह उठकर अपनी सुविधा के अनुसार घंटा-आधा घंटा समय तक हमें योगाभ्यास करना चाहिए।ऐसा करके हम न सिर्फ अपने शरीर और मन को स्वस्थ रख सकेंगे बल्कि अपनी संतानों को भी एक स्वस्थ और स्वच्छ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर सकेंगे। इसमें हमारा अपना ही लाभ है।—विजय कुमार 

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