Edited By ,Updated: 10 May, 2022 03:53 AM
गत 11 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में खालिस्तान के बैनर लगाए जाने की घटना के बाद ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम वायरल
गत 11 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में खालिस्तान के बैनर लगाए जाने की घटना के बाद ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम वायरल पत्र में प्रदेश में ङ्क्षभडरांवाले की फोटो व खालिस्तानी झंडे लगी गाडिय़ां रोकने पर आपत्ति की थी और 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तानी झंडा फहराने की चेतावनी भी दी थी। और अब 7 मई को रात के अंधेरे में प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में ‘तपोवन’ स्थित विधानसभा भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर खालिस्तानी झंडे टांग कर दीवार पर हरे रंग से ‘खालिस्तान’ भी लिखा पाया गया है।
8 मई को सुबह सैर पर निकले एक व्यक्ति द्वारा इन्हें देख कर पुलिस को सूचित करने के बाद पुलिस ने झंडेे हटा दिए तथा दीवारों पर दोबारा रंग करवाकर आसपास लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे खंगालने शुरू कर दिए। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ई-मेल से धमकी दी है कि अब 6 जून को भी ऐसा ही होगा। पन्नू ने इसी ई-मेल में हिमाचल में अपनी गतिविधियां मजबूत करने के लिए 50 हजार डॉलर खर्च करने का दावा किया है।
धर्मशाला में विधानसभा के गेट पर विवादित झंडे और नारे लिखने की घटना सामने आने के बाद सरकार का इस घटना को कायरतापूर्ण बताना और यह चेतावनी गले उतरने वाली नहीं है कि ‘‘यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे की बजाय दिन में विवादित झंडे लगाकर दिखाएं।’’
लोगों का इस घटना बारे कहना है कि ‘‘विधानसभा भवन जैसे अति सुरक्षित समझे जाने वाले क्षेत्र में अपराधियों द्वारा झंडे टांगने और नारे लिखने में कुछ समय तो लगा ही होगा, इस दौरान सुरक्षा कर्मी कहां थे?’’ लोगों का यह भी कहना है कि यदि वी.आई.पी. समझे जाने वाले इलाके में समाज विरोधी तत्व इस तरह कर सकते हैं तो फिर दूसरे आम इलाकों में उनके लिए ऐसा करना क्या मुश्किल है और वहां आम लोगों की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जा सकती है।-विजय कुमार