‘लिव-इन रिलेशनशिप’बड़े धोखे हैं इस राह में!

Edited By Updated: 27 Sep, 2025 04:58 AM

live in relationships  are big deceptions on this path

इन दिनों भारत में ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ (बिना विवाह किए सहमति सम्बन्ध) लोकप्रिय होती जा रही है। इसे कुंवारों के साथ-साथ विवाहित भी अपना रहे हैं जिन्हें अपना पति या पत्नी पसंद नहीं होती।

इन दिनों भारत में ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ (बिना विवाह किए सहमति सम्बन्ध) लोकप्रिय होती जा रही है। इसे कुंवारों के साथ-साथ विवाहित भी अपना रहे हैं जिन्हें अपना पति या पत्नी पसंद नहीं होती। ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ एक ऐसी व्यवस्था है, जो भारत के उच्च आदर्शों से कतई मेल नहीं खाती। इसमें स्त्री-पुरुष बिना विवाह किए पति-पत्नी की भांति रहने के साथ-साथ आपस में शारीरिक संबंध तक बनाते हैं। यहां तक कि कई जोड़े तो बच्चे भी पैदा कर लेते हैं। पश्चिमी देशों में यह आम बात है और उनकी देखादेखी भारत जैसे देशों में भी यह बुराई फैल रही है।

भारत में 1978 में सुप्रीमकोर्ट ने पहली बार ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ को मान्यता दी थी। इसमें तलाक की नौबत तो नहीं आती, परंतु इसमें किसी एक साथी द्वारा धोखा देने के कारण दूसरे साथी की जिंदगी नरक जरूर बन जाती है जिसके इसी महीने के मात्र 4 दिनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 21 सितम्बर को ‘कानपुर’ (उत्तर प्रदेश) में सूरज कुमार नामक युवक ने अपनी ‘लिव इन पार्टनर’ ‘आकांक्षा’ को  गला घोंटकर मार डाला क्योंकि उसकी दूसरी ‘गर्लफ्रैंड’ को आकांक्षा के साथ सूरज कुमार का रहना स्वीकार नहीं था। 
* 21 सितम्बर को ही रेवाड़ी (हरियाणा) के ‘बावलपुर’ में रोशन नामक एक व्यक्ति ने अपनी ‘लिव इन पार्टनर’ के साथ किसी विवाद के चलते उसके पहले पति से जन्मी पांच वर्ष की बेटी को जमीन पर बेरहमी से पटक-पटक कर मार डाला और उसके बाद कमरा बंद कर वहां से फरार हो गया।
* 21 सितम्बर को ही ‘खूंटी’ (झारखंड) में एक 15 वर्षीय किशोरी अपने प्रेमी ‘प्रेमचंद साहू’ के क्रोध की बलि चढ़ गई। ये दोनों 4 महीने से ‘लिव इन रिलेशन’ में थे। रोज-रोज की पिटाई से तंग आकर वह अपने प्रेमी का घर छोड़कर अपने गांव वापस आ गई थी परंतु ‘प्रेमचंद साहू’ ने वहां भी उसका पीछा नहीं छोड़ा और उसे अपने साथ चलने के लिए मजबूर करने लगा लेकिन जब वह न मानी तो उसने चाकू से कई वार करके उसे मार डाला।

* 22 सितम्बर को ‘पालघर’ (महाराष्टï्र) में ‘सुरेंद्र सिंह’ नामक एक युवक के साथ ‘लिव इन रिलेशन’ में रहने वाली ‘रेखा दुर्गा दास वैष्णव’ नामक एक युवती के ‘हरीश सुखाडिय़ा’ नामक एक अन्य युवक के साथ प्रेम प्रसंग का पता चलने पर सुरेंद्र सिंह को इतना गुस्सा आया कि उसने ईष्र्यावश हरीश की आंखों में मिर्च का पाऊडर डाल कर चाकू से वार करके उसकी हत्या कर दी। 
* 23 सितम्बर को ‘बेंगलुरू’ (कर्नाटक) में लोहिताश्व नामक एक व्यक्ति ने अपनी ‘लिव इन पार्टनर’ ‘रेखा’ के शरीर पर चाकू से एक दर्जन से अधिक वार करके उसकी हत्या कर दी। उसे शक था कि उसके साथ रहने के बावजूद रेखा किसी दूसरे युवक के प्रेम में फंसी हुई है। 
* 24 सितम्बर को ‘आगरा’ (उत्तर प्रदेश) में सन्नी नामक विवाहित युवक के साथ ‘लिव इन’ में रह रही युवती ‘गीता देवी’ उर्फ ‘टोनी’ ने सन्नी की मारपीट से तंग आकर आत्महत्या कर ली। 
* 24 सितम्बर को ही ‘बरेली’ (उत्तर प्रदेश) हाईवे पर एक नर्स की लाश मिली जो ‘शिवपाल’ नामक एक डाक्टर के साथ एक वर्ष से ‘लिव इन रिलेशन’ में रह रही थी। उससे मन भर जाने पर डाक्टर श्रीपाल ने पहले तो उसके शरीर पर तेज धार वाले हथियार से 16 घाव किए और फिर इंजैक्शन लगाकर बेहोश करने के बाद उसे कार में डालकर हाईवे पर फैंक दिया।
* और अब 26 सितम्बर को मेरठ (उत्तर प्रदेश) में ‘लिव इन’ में रह रही फिरदौस नामक महिला पर उसके ‘लिव इन पार्टनर’ ने चाकू से हमला करके घायल कर दिया जिसे गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि लिव-इन रिलेशन किसी भी दृष्टिï से भारतीय संस्कृति और परिवारों के अनुकूल नहीं है। यह एक ऐसी बुराई है जिसको सामाजिक समर्थन नहीं और जिसका परिणाम अधिकांशत: दुखद ही निकलता है। अत: इससे बचने में ही भलाई है। सरकार को भी इस संबंध में कोई कानून अवश्य बनाना चाहिए ताकि इस बुराई से मुक्ति मिल सके।—विजय कुमार

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