जड़ों में फैलता भ्रष्टाचार रोकथाम के लिए अधिक सख्ती की जरूरत

Edited By ,Updated: 22 Jun, 2022 03:40 AM

more strictness needed to prevent corruption spreading in the roots

सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद देश में भ्रष्टाचार का महारोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसमें कई छोटे-बड़े कर्मचारी और अधिकारी शामिल पाए जा रहे हैं। यह महारोग कितना गंभीर रूप धारण

सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद देश में भ्रष्टाचार का महारोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसमें कई छोटे-बड़े कर्मचारी और अधिकारी शामिल पाए जा रहे हैं। यह महारोग कितना गंभीर रूप धारण कर चुका है, यह मात्र एक सप्ताह के निम्र उदाहरणों से स्पष्ट है : 

* 14 जून को ग्वालियर (मध्यप्रदेश) में ‘आर्थिक अपराध जांच ब्यूरो’ की टीम ने मुरैना शहर में एक पटवारी को 20,000 रुपए रिश्वत के साथ पकड़ा। 
* 15 जून को बांसवाड़ा (राजस्थान) में गर्भवती महिला का सिजेरियन करने की एवज में 8,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोपी डाक्टर प्रदीप शर्मा को ‘भ्रष्टाचार निरोधक विभाग’ के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया। 
* 16 जून को नैनीताल में तराई पश्चिमी वन प्रभाग का एक बाबू पेड़ों को काटने की अनुमति देने के लिए 12,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया।
* 16 जून को ही हरियाणा सतर्कता विभाग ने ‘उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम’ करनाल के एक एस.डी.ओ. तथा एक जूनियर इंजीनियर और एक अन्य कर्मचारी को एक किसान से एक लाख रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया। 

* 17 जून को भोपाल में ‘मध्यप्रदेश बिजली बोर्ड’ का उप-महाप्रबंधक विशाल उपाध्याय शिकायतकत्र्ता की फाइल पर हस्ताक्षर करने के बदले में 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
* 17 जून को ही हरियाणा सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने कुरुक्षेत्र, करनाल और फरीदाबाद जिलों में एक एस.डी.ओ., 2 जूनियर इंजीनियरों, 2 पुलिस अधिकारियों और एक ट्यूबवैल हैल्पर के अलावा 2 अन्य प्राइवेट व्यक्तियों को विभिन्न घटनाओं में 2.62 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
* 17 जून वाले दिन ही कर्नाटक के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अधिकारियों ने ‘बेंगलूरू डिवैल्पमैंट अथॉरिटी’ में माली शिवलिंगप्पा के घर पर मारे छापे के दौरान करोड़ों रुपए की अवैध सम्पत्ति के दस्तावेज जब्त किए। 

* 18 जून को थाना जैतो के ए.एस.आई. काहन सिंह को शिकायतकत्र्ता से 3000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
* 18 जून को ही कोंडागांव (छत्तीसगढ़) में ‘जल संसाधन विभाग’ में तैनात एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आर.बी. सिंह, एस.डी.ओ. आर.बी. चौरसिया और डिप्टी इंजीनियर डी.के. आर्य को भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने 1.3 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। 

* 18 जून को ‘भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो’ की टीम ने राजसमंद (राजस्थान) में शिकायतकत्र्ता से 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए सहायक खनिज अभियंता (सतर्कता) को काबू किया।
* 19 जून को बालाघाट (मध्यप्रदेश) में ‘लालबर्रा’ तहसील में सहायक ग्रेड 3 रेमेन्द्र हरिनखेड़े को 35,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
* 19 जून को ही यमुनानगर (हरियाणा) में गेहूं की पेमैंट जारी करने के नाम पर एक आढ़ती से 15,000 रुपए रिश्वत लेते हुए खाद्य एवं आपूर्ित विभाग के फूड इंस्पैक्टर को सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने रंगे हाथों पकड़ा। 

* 20 जून को विजीलैंस ब्यूरो ने शिकायतकत्र्ता को उसके मकान की फाइल की कापी देने के बदले 25,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट अमृतसर की सेल शाखा के क्लर्क और उसके करिंदे को पकड़ा।
* 20 जून को ही पंजाब सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने चंडीगढ़ में आई.ए.एस. अधिकारी संजय पोपली और उसके साथी अंडर सैक्रेटरी संजीव वत्स को सीवरेज बोर्ड में तैनाती के दौरान किए भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया। इन पर सीवरेज बोर्ड के एक ठेकेदार ने सीवरेज कार्य के 7 करोड़ रुपए के ठेके के एवज में एक प्रतिशत कमिशन मांगने का आरोप लगाया था। 

* 20 जून को फिर सी.बी.आई. ने नई दिल्ली में ‘सैंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन’ के ज्वाइंट ड्रग कंट्रोलर एस. ईश्वर रैड्डी को 4 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद इसका जारी रहना कानून लागू करने वाले अधिकारियों पर कई तरह के प्रश्र खड़े करता है तथा उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि पद का दुरुपयोग कर सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों का एक वर्ग बड़े पैमाने पर अनुचित तरीकों से अवैध सम्पत्ति जुटा रहा है। 

इसी को देखते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 5 दिसम्बर, 2021 को लोगों से भ्रष्टाचार को कतई सहन न करने की अपील की और भ्रष्टाचार के दोषी नौकरशाहों तथा जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक कानून के अंतर्गत कठोर एवं समयबद्ध कार्रवाई करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा था कि ‘‘भ्रष्टाचार ने लोकतंत्र के हृदय को लहूलुहान कर रखा है।’’ लिहाजा इस बुराई पर रोक लगाने के लिए दोषियों के प्रति कोई नर्मी न दिखाने, अधिक कठोरता बरतने और दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की बजाय नौकरी से निकालने जैसे कानून बनाने की आवश्यकता है जिससे दूसरों को भी नसीहत मिले।—विजय कुमार

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