सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव रद्द एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2018 12:43 AM

shutdown of allegations against each other by the government

लोकसभा में अभी तक केंद्र सरकार के विरुद्ध विभिन्न मौकों पर 26 अविश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं व शुक्रवार को मोदी सरकार के विरुद्ध पेश अविश्वास प्रस्ताव के साथ अब इनकी संख्या 27 हो गई है। मोदी सरकार के सवा 4 वर्षों में पहली बार विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव...

लोकसभा में अभी तक केंद्र सरकार के विरुद्ध विभिन्न मौकों पर 26 अविश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं व शुक्रवार को मोदी सरकार के विरुद्ध पेश अविश्वास प्रस्ताव के साथ अब इनकी संख्या 27 हो गई है।मोदी सरकार के सवा 4 वर्षों में पहली बार विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है। इस पर बहस के लिए 7 घंटे रखे गए थे परन्तु बहस लम्बी चली और दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोपों के खूब तीर चलाए।

कांग्रेस ने जहां सरकार पर किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा जैसे चुनावी वादे पूरे नहीं करने के मुद्दे उठाए वहीं भाजपा ने कांग्रेस के 48 वर्षों के शासन में घोटालों की राजनीति करने व नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा गत 48 महीनों में योजनाओं की राजनीति करने की बात कही।

बहस की शुरूआत में ही बीजद के सदस्य वॉकआऊट कर गए। बीजद के नेता भर्तृहरि मेहताब ने कहा कि यू.पी.ए. के 10 साल व एन.डी.ए. सरकार के 4 साल के कार्यकाल में उड़ीसा के लोगों से अन्याय हुआ है। विश्वास मत पर सबसे पहले बोलते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली पार्टी तेलगू देशम के नेता जयदेव गल्ला ने केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में आंध्र प्रदेश के साथ भेदभाव और सरकार द्वारा अपना एक भी वायदा पूरा न करने और आंध्र प्रदेश से धोखा करने के आरोप लगाए। उन्होंने जानना चाहा कि नरेन्द्र मोदी का ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ का वायदा कहां गया?

भाजपा के राकेश सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि तेदेपा के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने का कोई ठोस कारण नहीं था। देश पर 48 वर्ष शासन करने वाली कांग्रेस ने स्कैम (घोटालों) की राजनीति की है जबकि भाजपा ने स्कीम्स (योजनाओं) की राजनीति की है। जहां कांग्रेस ने दागदार सरकार दी है वहीं भाजपा ने दमदार सरकार दी है।

राकेश सिंह के बाद राहुल गांधी ने अपने भाषण में रक्षा सौदे, किसानों के कर्ज माफ न किए जाने व पैट्रोलियम उत्पादों के दामों में वृद्धि करके उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने आदि के मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि लोग मारे तथा पीटे जा रहे हैं और आरोपियों के गले में हार डाले जा रहे हैं। अपने भाषण में वह ज्यादातर मध्यप्रदेश पर ही केंद्रित रहे।

आज बेरोजगारी 8 सालों में सबसे ज्यादा है। जी.एस.टी. कांग्रेस पार्टी लाई थी तब आपने विरोध किया था। गुजरात के मुख्यमंत्री ने विरोध किया था। हम चाहते थे कि एक जी.एस.टी. हो, पैट्रोल-डीजल उसमें हो। प्रधानमंत्री की जी.एस.टी. 5 अलग-अलग स्लैब वाली है जिसने करोड़ों लोगों को बर्बाद किया। छोटे बिजनैस वालों की जेब में हाथ डाल कर आपने उनका पैसा छीन लिया।

राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चौकीदार नहीं बल्कि भागीदार हैं। यू.पी.ए. की डील में राफेल विमान का दाम 520 करोड़ रुपए प्रति विमान था जो 1600 करोड़ रुपए प्रति विमान हो गया।

जहां राहुल गांधी ने अपने भाषण के बाद अप्रत्याशित रूप से नरेन्द्र मोदी के पास जाकर उन्हें गले लगा लिया और फिर अपने स्थान पर वापस लौटकर अपने साथी को आंख मार कर इशारा किया तो सब आश्चर्यचकित रह गए। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि 25 लाख नौकरियां नोटबंदी के कारण गईं। मोदी की इकोनामी से केवल एक मोटा भाई को फायदा हुआ जिनके अहमदाबाद के को-आप्रेटिव बैंक में 700 करोड़ रुपए जमा हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बहस में बोलते हुए कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भी अहमियत होती है इसलिए हमने सर्वसम्मति से इस अविश्वास प्रस्ताव को लाने पर अपनी सहमति दी। उन्होंने जहां भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाई वहीं यह भी कहा कि विपक्ष संशय की स्थिति में है। उन्हें गठबंधन नेता और नीतियों का पता ही नहीं है। जिन दलों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की है उन दलों में आपस में विश्वास ही नहीं है। राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद एक बार फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया तथा लोकसभा की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा।

कांग्रेस के श्री मल्लिकार्जुन खडग़े ने केंद्रीय एन.डी.ए. सरकार से यह बताने को कहा कि 4 साल और 4 महीनों में इसने क्या किया। भाजपा पर समाज को तोडऩे का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इनके मुंह में राम और बगल में छुरी है। जिस राह पर सरकार चल रही है उससे देश में लोकतंत्र समाप्त हो सकता है, भाजपा की विचारधारा तो अम्बेदकर के भी खिलाफ है।
 

विभिन्न वक्ताओं द्वारा निर्धारित से अधिक समय लेने तथा लोकसभा में हंगामा होने के कारण रात 10 बजे तक भी मतदान नहीं हो सका था और जब प्रधानमंत्री ने बहस का उत्तर देना शुरू किया तो सदन में अत्यधिक हंगामा होने के कारण प्रधान मंत्री का भाषण समाप्त होने में विलम्ब के कारण मतदान में और देरी हुई तथा देर रात सम्पन्न हुए मतदान में भाजपा सरकार ने सफलता प्राप्त कर ली।                                —विजय कुमार

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