Edited By ,Updated: 27 Feb, 2024 04:27 AM
भारतीय रेल एशिया का दूसरा बड़ा रेल नैटवर्क है तथा इसका विस्तार करते हुए ‘वंदे भारत’ एवं अन्य नई तेज रफ्तार रेलगाडिय़ां चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही लगातार होने वाली छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाएं सचेत कर रही हैं कि भारतीय रेल नैटवर्क में सब ठीक नहीं है :
भारतीय रेल एशिया का दूसरा बड़ा रेल नैटवर्क है तथा इसका विस्तार करते हुए ‘वंदे भारत’ एवं अन्य नई तेज रफ्तार रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही लगातार होने वाली छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाएं सचेत कर रही हैं कि भारतीय रेल नैटवर्क में सब ठीक नहीं है :
* 7 दिसम्बर, 2023 को कटक रेलवे स्टेशन पर खड़ी भुवनेश्वर- हावड़ा ‘जन शताब्दी एक्सप्रैस’ के एक कोच में आग लग गई।
* 30 दिसम्बर, 2023 को बिहार में ‘बड़ा गोपाल’ स्टेशन से छपरा जा रही मालगाड़ी कपलिंग टूटने से 2 हिस्सों में बंट गई। इंजन सहित इसके 9 डिब्बे तो ‘गोल्डनगंज’ पहुंच गए तथा 32 डिब्बे ‘बड़ा गोपाल’ स्टेशन पर ही रह गए।
* और अब 25 फरवरी, 2024 को सुबह लगभग 7.15 बजे जम्मू के कठुआ रेलवे स्टेशन से पत्थरों से लदी मालगाड़ी बिना ड्राइवर और गार्ड के 60 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक रफ्तार से चल पड़ी।
रेलवे सूत्रों के अनुसार कठुआ रेलवे स्टेशन पर इस मालगाड़ी के ड्राइवर और गार्ड को बदला जाना था परंतु ड्यूटी समाप्त करके जाने वाले ड्राइवर ने ट्रेन की हैंडब्रेक ही नहीं लगाई। इसके चल पडऩे की सूचना मिलते ही आगे के सभी स्टेशनों को अलर्ट कर देने से उन्होंने इसके लिए ट्रैक खाली करने के अलावा रास्ते में पडऩे वाले सभी फाटक बंद करवा दिए वर्ना गाड़ी के पलटने से या कोई फाटक खुला रहने के परिणामस्वरूप बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी।
पहले सुजानपुर, पठानकोट कैंट, मुकेरियां स्टेशनों पर स्टापर आदि रख कर इसे रोकने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। अंतत: 1 घंटा 24 मिनट बाद 8.37 बजे लगभग 78 किलोमीटर दूर ‘उच्ची बस्सी’ रेलवे स्टेशन के निकट ट्रैक नंबर 2 पर ईंट-पत्थर और स्टापर की मदद से मालगाड़ी को बड़ी मुश्किल से रोका जा सका। इसी बीच तमिलनाडु में नीलगिरी माऊंटेन रेलवे ट्रेन के भैंस से टकराने से एक डिब्बे के पटरी से उतरने की खबर आ गई है।
हालांकि बिना ड्राइवर मालगाड़ी चलने के मामले में कठुआ के स्टेशन मास्टर सहित 6 अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है परंतु उक्त सभी दुर्घटनाओं से स्पष्ट है कि रेलवे की कार्यप्रणाली में सुधार लाने तथा इसके परिचालन स्टाफ को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, वर्ना कभी कोई छोटी सी चूक किसी बड़ी दुर्घटना का रूप भी ले सकती है।—विजय कुमार