वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ‘वीरप्पा मोइली’ द्वारा पार्टी के शीर्ष नेताओं को ‘सही सलाह’

Edited By ,Updated: 17 Jul, 2020 04:32 AM

veerappa moily gives right advice to top party leaders

कांग्रेस आज अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है जिससे पार्टी में खलबली मची हुई है। इसमें व्याप्त असंतोष दूर करने में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की विफलता, आंतरिक कलह, उपेक्षा के कारण स्थानीय नेतृत्व में व्याप्त बेचैनी व अन्य कारणों से इसका...

कांग्रेस आज अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है जिससे पार्टी में खलबली मची हुई है। इसमें व्याप्त असंतोष दूर करने में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की विफलता, आंतरिक कलह, उपेक्षा के कारण स्थानीय नेतृत्व में व्याप्त बेचैनी व अन्य कारणों से इसका लगातार क्षरण हो रहा है और इसके हाथ से एक-एक करके राज्य निकलते जा रहे हैं। स्वयं राहुल गांधी भी स्वीकार कर चुके हैं कि ‘‘चुनावों में कार्यकत्र्ताओं की नाराजगी और उनका तिरस्कार पार्टी की हार का मुख्य कारण रहे हैं।’’ 

कुछ समय पूर्व कर्नाटक में येद्दियुरप्पा (भाजपा) ने कांग्रेस के 13 विधायक तोड़ कर कांग्रेस-जद (स) की संयुक्त सरकार गिरा दी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के चलते मध्य प्रदेश की सत्ता कांग्रेस से छिन गई और अब राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से सचिन पायलट की छुट्टी के बाद अशोक गहलोत सरकार संकट में है। इसी कारण पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने 12 जुलाई को पार्टी की स्थानीय इकाइयों में बढ़ रही बेचैनी के बारे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सचेत किया था कि ‘‘क्या हम तभी जागेंगे जब हमारे सारे घोड़े अस्तबल छोड़ कर भाग चुके होंगे?’’ 

और अब कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि ‘‘अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति द्वारा बनाए गए विभिन्न राज्यों के प्रभारी (महासचिव) सजग नहीं हैं। वे पार्टी की स्थानीय इकाइयों की समस्याएं नहीं समझ पा रहे और अपनी जिम्मेदारी भी नहीं निभा रहे हैं अत: कांग्रेस में जान डालने के लिए इनको सक्रिय और सजग करना जरूरी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस में युवा नेताओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है लेकिन अनेक युवा नेताओं में जरा भी धैर्य नहीं है, अत: उन्हें संयमशील बनना चाहिए।’’ 

इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की महत्ता रेखांकित करते हुए श्री मोइली ने कहा, ‘‘युवा नेताओं को आगे लाने के साथ ही हमें पहले से ही आजमाए हुए बुजुर्ग नेताओं को भी अपने साथ जोड़े रखने की आवश्यकता है क्योंकि उनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती।’’नि:संदेह पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को समुचित सम्मान और स्थान देने के साथ-साथ स्थानीय और युवा नेताओं की समस्याओं, आशाओं और आकांक्षाओं को जानकर उनका उचित ढंग से समाधान करना और उनको साथ लेकर चलना जरूरी है क्योंकि कांग्रेस की वर्तमान दुर्दशा के लिए इसमें व्याप्त यही त्रुटियां जिम्मेदार हैं।—विजय कुमार 

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