Edited By ,Updated: 24 Jun, 2023 04:02 AM
ईयरफोन लगाकर गाने सुनते हुए या बातें करते हुए सड़कों पर चलना, वाहन चलाना और रेल पटरियों के आसपास घूमना खतरनाक होने के बावजूद लोग ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे और अपना नुक्सान कर रहे हैं जिसकी चंद मिसालें नीचे दी जा रही हैं :
ईयरफोन लगाकर गाने सुनते हुए या बातें करते हुए सड़कों पर चलना, वाहन चलाना और रेल पटरियों के आसपास घूमना खतरनाक होने के बावजूद लोग ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे और अपना नुक्सान कर रहे हैं जिसकी चंद मिसालें नीचे दी जा रही हैं :
* 3 मई को साहिबगंज (बिहार) में रेल लाइन के किनारे चल रहे युवक को ईयरफोन के कारण ट्रेन ड्राइवर द्वारा बार-बार बजाया जा रहा हार्न सुनाई नहीं दिया और वह गाड़ी के नीचे कुचला गया।
* 6 मई को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के भदौरा रेलवे स्टेशन पर मोबाइल फोन पर बात करते हुए रेल लाइन पार कर रही महिला के ट्रेन की चपेट में आ जाने से उसका सिर धड़ से अलग हो गया।
* 20 मई को आरा (बिहार) में दुलौर गांव के निकट एक आटो चालक द्वारा एक हाथ से स्टीयरिंग संभाल कर दूसरे हाथ में मोबाइल पकड़ कर बातें करने के कारण आटो बेकाबू होकर बिजली के खम्भे से टकरा गया जिससे उसमें सवार एक महिला की मृत्यु तथा 6 अन्य घायल हो गए।
* 19 जून को ही रायगढ़ (छत्तीसगढ़) में मोबाइल पर बात करते-करते बस चला रहे ड्राइवर द्वारा एक पुल से टक्कर मार देने से 26 यात्री घायल हो गए।
* 21 जून को फाजिल्का (पंजाब) के ‘चक्क पक्खो’ रेलवे स्टेशन के निकट एक किशोर ईयरफोन लगा कर रेल लाइन पार करते समय इंजन के आने का पता न चलने के कारण उसकी चपेट में आने से जान गंवा बैठा।
* 21 जून को ही श्योपुर (मध्य प्रदेश) में एक बस का ड्राइवर एक हाथ से स्टीयरिंग संभालते हुए दूसरे हाथ में मोबाइल पकड़़ कर बात करने लगा जिससे बस बेकाबू होकर खाई में गिरने से 25 यात्री घायल हो गए।
* 21 जून को ही कपूरथला (पंजाब) के सुल्तानपुर लोधी में मोबाइल पर बात करते हुए जा रहा स्कूटर सवार बेईं में जा गिरा।
अत: लोगों को अपनी सुरक्षा का ध्यान स्वयं ही रखते हुए ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए जिसका दुष्परिणाम उनके मर जाने या घायल हो जाने के कारण उनके परिवार को भुगतना पड़े।—विजय कुमार