2025 : सुधारों का वर्ष

Edited By Updated: 31 Dec, 2025 04:31 AM

2025 the year of reforms

आज भारत पर समूचे विश्व की नजर रहती है। इसका कारण, हमारे लोगों में कुछ नया करने का जोश है।

आज भारत पर समूचे विश्व की नजर रहती है। इसका कारण, हमारे लोगों में कुछ नया करने का जोश है। आज दुनिया भारत को आशा और विश्वास के साथ देखती है। वे इस बात की सराहना करते हैं कि नई पीढ़ी के सुधारों के माध्यम से विकास की गति को तेज किया गया है।

मैं कई लोगों से कहता रहा हूं कि भारत सुधार एक्सप्रैस में सवार हो चुका है, जिसका मुख्य इंजन भारत की जनसंख्या संरचना, हमारी युवा पीढ़ी और हमारे लोगों का अदम्य साहस है। 2025 को भारत के लिए एक ऐसे वर्ष के रूप में याद किया जाएगा, जब देश ने पिछले 11 वर्षों में किए गए कार्यों के आधार पर सुधारों को एक निरंतर राष्ट्रीय मिशन के रूप में आगे बढ़ाया। हमने संस्थानों को आधुनिक बनाया, शासन को सरल किया और लंबे समय तक सभी को साथ लेकर चलने वाली विकास की मजबूत नींव रखी। ये सुधार नागरिकों को सम्मान के साथ जीवन जीने, उद्यमियों को भरोसे के साथ नवाचार करने और संस्थानों को स्पष्टता व विश्वास के साथ काम करने में सक्षम बनाने के लिए किए गए हैं। मैं किए गए कुछ सुधारों के उदाहरण प्रस्तुत करता हूं।

जी.एस.टी. सुधार : 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो सरल टैक्स दरें लागू की गई हैं। इससे घरों, एम.एस.एम.ई., किसानों और श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर बोझ कम हुआ है। इसका उद्देश्य विवादों को कम करना और नियमों का बेहतर पालन सुनिश्चित करना है। इस सुधार से उपभोक्ताओं का भरोसा और मांग बढ़ी है। त्यौहारों के मौसम में बिक्री में वृद्धि हुई है।

मध्य वर्ग को अभूतपूर्व राहत : पहली बार, सालाना 12 लाख रुपए तक कमाने वाले लोगों को कोई आयकर नहीं देना पड़ा। 1961 के पुराने आयकर कानून की जगह अब सरल और आधुनिक आयकर अधिनियम, 2025 लागू किया गया है। ये दोनों सुधार मिलकर भारत को पारदर्शी और तकनीक-आधारित कर व्यवस्था की ओर ले जाते हैं।

छोटे और मध्यम व्यवसायों को बढ़ावा : ‘छोटी कंपनियों’ की परिभाषा का दायरा बढ़ाया गया है, जिसमें अब 100 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली कंपनियां शामिल हैं। इससे हजारों कंपनियों पर नियमों के पालन का बोझ और उससे जुड़ी लागत कम होगी।
100 प्रतिशत एफ.डी.आई. बीमा सुधार : भारतीय बीमा कंपनियों में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है। इससे बीमा का दायरा बढ़ेगा और लोगों की आॢथक सुरक्षा मजबूत होगी। बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा के साथ लोगों को बेहतर बीमा विकल्प और बेहतर सेवाएं मिलेंगी।

प्रतिभूति बाजार सुधार : संसद में प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक पेश किया गया है। इससे सेबी में शासन के नियम मजबूत होंगे, निवेशकों की सुरक्षा बढ़ेगी, नियमों के पालन का बोझ कम होगा और विकसित भारत के लिए तकनीक-आधारित प्रतिभूति बाजार को बढ़ावा मिलेगा। इन सुधारों से कम नियमों और अन्य खर्चों के कारण बचत सुनिश्चित होगी।

समुद्री और ब्लू इकोनॉमी सुधार : संसद के एक ही सत्र, मानसून सत्र में, 5 महत्वपूर्ण समुद्री कानून पारित किए गए- बिल ऑफ लेङ्क्षडग अधिनियम, 2025; समुद्र द्वारा माल परिवहन विधेयक, 2025; तटीय नौवहन विधेयक, 2025; मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2025 और भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025। इन सुधारों से दस्तावेजी प्रक्रिया सरल हुई, विवादों का समाधान आसान हुआ और लॉजिस्टिक्स लागत कम हुई।

जन विश्वास-अपराधीकरण के युग का अंत : सैंकड़ों पुराने और बेकार कानूनों को खत्म किया गया है। 2025 के निरसन और संशोधन विधेयक के माध्यम से 71 कानूनों को रद्द किया गया है।

व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा : सिंथैटिक फाइबर, धागे, प्लास्टिक, पॉलिमर और बेस मैटल से जुड़े 22 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यू.सी.ओ.) पूरी तरह हटा दिए गए हैं, इसके अलावा स्टील, इंजीनियरिंग, इलैक्ट्रिकल, मिश्रधातु और उपभोक्ता उत्पादों से जुड़ी 53 गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों को अस्थायी रूप से रोका गया है। इससे भारत के परिधान निर्यात में बढ़ोतरी होगी, जूते और ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों में उत्पादन लागत घटेगी और इलैक्ट्रॉनिक्स, साइकिल व वाहन उत्पादों के घरेलू दाम कम होंगे।

ऐतिहासिक श्रम सुधार : श्रम कानूनों को नया रूप दिया गया है और 29 अलग-अलग कानूनों को मिलाकर 4 आधुनिक श्रम संहिताएं बनाई गई हैं। भारत ने ऐसा श्रम ढांचा तैयार किया है, जो कामगारों के हितों की रक्षा करता है और साथ ही व्यापार के माहौल को भी मजबूत बनाता है। ये सुधार उचित मजदूरी, समय पर वेतन भुगतान, बेहतर औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित कार्यस्थलों पर केंद्रित हैं। इनसे कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती है।

भारतीय उत्पादों के लिए विविध और विस्तृत बाजार : न्यूजीलैंड, ओमान और ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते किए गए हैं। इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। ये समझौते भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी भागीदार के रूप में स्थिति को मजबूत करते हैं। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ई.एफ.टी.ए.), जिसमें स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिक्टेंस्टीन शामिल हैं, के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफ.टी.ए.) लागू कर दिया गया है। यह विकसित यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत का पहला एफ.टी.ए. है।

परमाणु ऊर्जा सुधार : शांति अधिनियम भारत की स्वच्छ ऊर्जा और प्रौद्योगिकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सुरक्षित, संरक्षित और जिम्मेदार विस्तार के लिए मजबूत ढांचा सुनिश्चित करता है। यह भारत को ए.आई. युग की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाता है, जैसे डाटा सैंटर, उन्नत निर्माण, हरित हाइड्रोजन और उच्च-तकनीकी उद्योगों को ऊर्जा प्रदान करना। नाभिकीय प्रौद्योगिकियों के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देता है, जैसे स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य सुरक्षा, जल प्रबंधन, उद्योग, शोध और पर्यावरणीय स्थिरता में। यह निवेशकों, नवप्रवर्तकों और संस्थानों के लिए सही समय है कि वे भारत के साथ सांझेदारी, निवेश, नवाचार करें और एक स्वच्छ, टिकाऊ और भविष्य-तैयार ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र बनाएं।

ग्रामीण रोजगार गारंटी में महत्वपूर्ण सुधार : विकसित भारत-ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2025 के तहत रोजगार गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन किया गया है। इससे गांवों में बुनियादी ढांचा और आजीविका को मजबूत करने पर खर्च बढ़ेगा। उद्देश्य, ग्रामीण काम को उच्च आय और बेहतर संपत्तियां सुनिश्चित करने का माध्यम बनाना है।

शिक्षा सुधार : संसद में विधेयक पेश किया गया है। एक एकीकृत उच्च शिक्षा नियामक स्थापित किया जाएगा। यू.जी.सी., ए.आई.सी.टी.ई., एन.सी.टी.ई. जैसी अलग-अलग संस्थाओं की जगह विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान स्थापित किया जाएगा। संस्थानों की स्वतंत्रता बढ़ाई जाएगी और नवाचार और शोध को प्रोत्साहन मिलेगा। 2025 के इन सुधारों की महत्ता केवल उनके आकार में नहीं बल्कि उनकी मूल भावना में भी है। ये सुधार  छोटे व्यवसायों, युवा पेशेवरों, किसानों, कामगारों और मध्यम वर्ग की वास्तविकताओं को समझते हुए सहानुभूति के साथ बनाए गए हैं। ये सुधार एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं।  हम आने वाले वर्षों में भी सुधारों के एजैंडे को जारी रखेंगे। मैं भारत और विदेश में सभी से आग्रह करता हूं कि वे भारत की विकास गाथा के साथ अपने जुड़ाव को और मजबूत करें। भारत पर भरोसा रखें और हमारे लोगों में निवेश करते रहें!-नरेन्द्र मोदी(प्रधानमंत्री, भारत )

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