क्रोध एक घातक ट्यूमर की तरह

Edited By ,Updated: 20 Feb, 2023 07:56 AM

anger like a malignant tumor

अपने गुस्से को बाहर निकालने का सबसे अच्छा तरीका न तो अपनी मुट्ठी का उपयोग करना है और न ही मौन रह कर।

अपने गुस्से को बाहर निकालने का सबसे अच्छा तरीका न तो अपनी मुट्ठी का उपयोग करना है और न ही मौन रह कर। हालांकि कई पोस्ट आपको मौन में पीड़ित होने के लिए कहते हैं लेकिन सही तरीका यह है कि आप अपनी बातों को शब्दों में व्यक्त करें। यह कुछ ऐसा है जिसे हमने अभी तक लोगों के रूप में नहीं सीखा है और न ही ऐसा अपने नेताओं में देखा गया है। जब तक हम ऐसा करना नहीं सीखते तब तक हम दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। मैंने एक दिन पढ़ा कि अमरीका की एक महिला ने अपने स्थानीय पुलिस विभाग को फोन किया। उसने लडऩे के लिए मिलने वाले दंड के बारे में पूछा।

पुलिस अधिकारी ने उसे बताया कि उस पर मारपीट का आरोप लगाया जा सकता है और 100 डालर का जुर्माना भी किया जा सकता है। पुलिस अधिकारी ने उस महिला से पूछा, ‘‘लेकिन तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो?’’महिला ने कहा, ‘‘ओह! मैं अपनी बहन को पीटना चाहती हूं और यह देखना चाहती हूं कि क्या मैं इसके बाद होने वाले जुर्माने को सह सकती हूं?’’ गुस्सा जरूर किया जाना चाहिए लेकिन इस महिला को पता चला कि गुस्से को गलत तरीके से जाहिर करने की कीमत भी चुकानी पड़ती है। जापान के शहर यमनकाको में एक ‘रिलीफ रूम’ बनाया गया है जहां पर अपना गुस्सा निकालने का मौका पाने के लिए आगंतुकों को मोटी रकम का भुगतान करना पड़ता है।

इस रिलीफ रूम में तनावग्रस्त कारोबारी, प्यार में धोखे खाए प्रेमी और क्रोधित पति-पत्नी एक बड़े चीनी मिट्टी के फूलदान को तोड़ सकते हैं।  चीनी मिट्टी के बर्तन को वहां गुस्सा निकालने के दौरान आड़ू के पेड़ पर फैंका जा सकता है। इसके अलावा चीनी-मिट्टी के जोकरनुमा खिलौनों को रोष व्यक्त करने के प्रयास में तोड़ा जा सकता है। क्रोध से छुटकारा पाने के लिए आपको बहुत सारा पैसा देना पड़ता है। इसीलिए इस लेख की शुरूआत में मैंने जो कहा था उसी पर फिर से लौटते हुए मैं कहता हूं कि क्रोध से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका इसे शब्दों में व्यक्त करना है। जिस व्यक्ति से आप परेशान हैं उससे खुलकर बात करें।

जैसा कि विलियम ब्लेक ने लिखा है, ‘‘मैं अपने दोस्त से नाराज था और मैंने अपने क्रोध से कहा और मेरा क्रोध समाप्त हो गया। मुझे अपने दुश्मन पर गुस्सा आ रहा था। मैंने कुछ मुंह से कहा नहीं तो मेरा क्रोध और बढ़ गया था।’’ क्रोध को शांत करने के लिए कुछ न कुछ कहा जाना चाहिए और अगर आपत्तिजनक तरीके से सीधे-सीधे बात करना संभव न हो तो किसी अच्छे श्रोता की तलाश करें। कभी-कभार गुस्से को बाहर निकालना ही काफी होता है। इसके अलावा जल्द ही इसके बारे में बात करें क्योंकि अनजाने में किया गया क्रोध एक घातक ट्यूमर की तरह है।

सूर्य को अपने क्रोध पर अस्त न होने दें बल्कि प्रत्येक दिन की नाराजगी को दूर करने का प्रयास करें। बात करना अभी भी जीवन के मुद्दों के माध्यम से काम करने का सबसे अच्छा तरीका है। या तो सीधे उस व्यक्ति से बात करें जिसने आपको चोट पहुंचाई है और यदि सही शब्दों का आप उपयोग नहीं कर सकते तो पहले आप किसी से बात करें। जो भी हो शब्दों का प्रयोग करें। मुट्ठी या चुप्पी का नहीं। -राबर्ट क्लीमैंट्स, दूर की कौड़ी

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