केंद्र ने दिल्ली पुलिस पर पकड़ मजबूत की

Edited By ,Updated: 23 Jul, 2021 06:26 AM

center tightens grip on delhi police

केंद्र ने दिल्ली पुलिस पर पकड़ मजबूत कीआमतौतर पर ऐसा समझा जाता है कि दिल्ली में सर्वाधिक महत्वपूर्ण बाबू मुख्य सचिव नहीं बल्कि पुलिस आयुक्त हैं। इस कुर्सी के हाई-प्रोफाइल पदाधिकारियों ने संसद

आमतौतर पर ऐसा समझा जाता है कि दिल्ली में सर्वाधिक महत्वपूर्ण बाबू मुख्य सचिव नहीं बल्कि पुलिस आयुक्त हैं। इस कुर्सी के हाई-प्रोफाइल पदाधिकारियों ने संसद तथा राज्यपाल बन कर राज्यों को शोभायमान किया है। पुलिस कमिश्रर का पद प्राप्त करना आमतौर पर एक बहुत लंबी प्रक्रिया है। यह अधिकतर चोरी-छिपे तथा सुबह बहुत जल्दी किया जाता है। अब जब उप राज्यपाल के पास राज्य का पूरा नियंत्रण है, केंद्रीय गृह मंत्रालय का नियंत्रण इस पर पहले के मुकाबले कहीं अधिक है। दूसरी बार केंद्र ने प्रतिष्ठित कमिश्ररेट पद एक अतिरिक्त प्रभार के तौर पर देने का चयन किया है। पुलिस बाबुओं ने हमें बताया कि इससे हमेशा उन लोगों पर अधिक नियंत्रण सुनिश्चित करने में मदद मिलती है जो वास्तव में तार खींचते हैं। 

मुझे याद है कि बालाजी श्रीवास्तव के पूर्ववर्ती सच्चिदानंद श्रीवास्तव की नियुक्ति इसी तरह गत वर्ष खूनी दिल्ली दंगों के दौरान फरवरी में की गई। उन्हें उनकी सेवानिवृत्ति से महज एक महीना पूर्व मई में इस पद पर नियमित किया गया था। क्या बालाजी के साथ भी इतिहास दोहराया जाएगा? हालांकि स्पष्ट तौर पर यह विचित्र स्थिति है, कुछ को डर है कि सरकार वास्तव में नियुक्तियों की इस प्रक्रिया का ‘नियमितीकरण’ कर सकती है। 

अब संजय कोठारी ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सी.वी.सी.) के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है और अपने स्थान पर एक सत्यनिष्ठ प्रहरी के तौर पर एक स्थायी उत्तराधिकारी के बिना ही सेवानिवृत्त हो गए। असमंजस के चलते हुए अचानक सतर्कता आयुक्त सुरेश एन. पटेल को कार्यवाहक सी.वी.सी. नामित कर दिया गया। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि कार्मिक मंत्रालय ने पहले ही सी.वी.सी. तथा अन्य सतर्कता आयुक्तों के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। क्या पटेल को उनकी अतिरिक्त भूमिका में पक्का कर दिया जाएगा या सी.वी.सी. के तौर पर हम किसी नए चेहरे को देखेंगे? 

हालिया समय में देश के शीर्ष सतर्कता संस्थान को रिक्त पदों को भरने के साथ भ्रष्टाचार की बढ़ती शिकायतों तथा स्टाफ की कमी से भी जूझना पड़ रहा है। यह भी एक तथ्य है कि जब इसकी स्थापना की गई थी तो इसे महज एक सलाहकार इकाई बनाया गया था जिसके अंतर्गत केंद्रीय विभाग तथा मंत्रालय इसकी सलाह को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने को स्वतंत्र थे। गत वर्ष ही भ्रष्टाचार के मामलों में उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने कुछ अप्रचलित लेकिन ‘व्यवस्थित’ बदलावों की शुरूआत की। उस गतिशीलता को बनाए रखना संभवत: पटेल का पहला प्रमुख कार्य होगा। 

इसी तरह ऑडिट वॉचडॉग नैशनल फाइनांशियल रिपोॄटग अथॉरिटी (एन.एफ.आर.ए.) भी अधिक शक्तियों की मांग कर रही है। संभवत: इसका गठन ऑडिटर्स का ऑडिट करने के लिए एक सुपर-रैगुलेटर के तौर पर कर दिया जाए लेकिन इसे भी वैसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जैसी कि सी.वी.सी. को। आर.बी.आई., सेबी तथा कार्पोरेट मामलों सहित कई अन्य नियामक प्राधिकरणों के साथ स्थान के लिए लड़ते हुए एन.एफ.आर.ए. वर्तमान में भीड़ में खो गई है। 

बाबू तथा टैक्नो बाबू : मोदी मंत्रिमंडल के नवीनतम मंत्रिमंडल विस्तार में अचानक गैर-राजनीतिक लोगों को शामिल करने को लेकर बाबुओं के साथ-साथ सरकार के विश्वासपात्रों के बीच भी तीव्र फुसफुसाहटें सुनाई दे रही है। उनका कहना है कि एक ऐसी सरकार जो बाबुओं के साथ बुरा व्यवहार कर रही थी, ने रहस्यमयी तौर से अचानक अपना रास्ता बदल लिया। कोविड-19 तथा हालिया विधानसभा चुनावों में चोट खाने के बाद मोदी ने 12 मंत्रियों को बाहर रास्ता दिखाया तथा तकनीकी लोगों तथा बाबुओं को इसमें शामिल कर लिया। संदेश स्पष्ट है कि वह अच्छे प्रशासन तथा वायदों को पूरा करने पर केन्द्रित हैं। 

जिन पूर्व बाबुओं को लाया गया उनमें बिहार से आर.सी.पी. सिंह तथा ओडिशा से अश्विनी वैष्णव हैं जो अब महत्वपूर्ण रेलवे का विभाग संभालेंगे। इस बीच पूर्व गृह सचिव तथा राज्य मंत्री आर.के. सिंह तथा विदेश सेवा के एक अन्य बाबू हरदीप सिंह पुरी को अब उनके पूर्व विदेश सचिव के बराबर का दर्जा दिया गया है लेकिन कनिष्ठ एस. जयशंकर शुरू से ही कैबिनेट मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में फेरबदल नीति में स्पष्ट बदलाव और यहां तक कि यू-टर्न का संकेत देता है- तकनीकी लोगों से दूर रहने की बातें याद रखें, विशेषकर ऐसे लोग जिनके पास पश्चिमी विश्वविद्यालयों से शैक्षणिक डिग्रियां हैं। ऐसा दिखाई देता है कि मोदी को निश्चित तौर पर बाबुओं से नेता बने लोगों की अपने बाकी के कार्यकाल में जरूरत है।-दिल्ली का बाबू दिलीप चेरियन


 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!