Edited By ,Updated: 26 Feb, 2024 06:04 AM
मोबाइल फोनों पर अनचाही कॉलों पर रोक लगाने के लिए एक और कदम के रूप में ‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण’ (ट्राई) ने 23 फरवरी को सभी नैटवर्क आप्रेटरों को मोबाइल फोन पर ‘कॉलिंग नेम डिस्प्ले’(सी.एन.ए.पी.) सेवा लागू करने की सिफारिश करते हुए कहा है जो...
मोबाइल फोनों पर अनचाही कॉलों पर रोक लगाने के लिए एक और कदम के रूप में ‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण’ (ट्राई) ने 23 फरवरी को सभी नैटवर्क आप्रेटरों को मोबाइल फोन पर ‘कॉलिंग नेम डिस्प्ले’(सी.एन.ए.पी.) सेवा लागू करने की सिफारिश करते हुए कहा है जो सभी स्मार्टफोन निर्माताओं के लिए एक निर्धारित समय के भीतर इस सुविधा को सक्षम करने के लिए बाध्यकारी होनी चाहिए। इसके तहत सरकार को उपयुक्त कटऑफ तिथि जैसे कि 6 महीने के बाद भारत में बेचे जाने वाले सभी मोबाइल फोन उपकरणों पर यह सुविधा उपलब्ध करने के लिए उचित निर्देश जारी करना चाहिए। सी.एन.ए.पी. सुविधा चालू होने पर ग्राहक अपने फोन की स्क्रीन पर कॉलर का नाम देख पाएगा। इसमें सभी प्रकार की कॉल शामिल हैं, चाहे वह सामान्य वॉयस कॉल हों, व्हाट्सएप, फेसटाइम या कोई अन्य ओ.टी.टी. कॉल हो।
एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 60 प्रतिशत मोबाइल फोन धारकों को हर दिन कम से कम तीन अनचाही काल्स आती हैं। इसी पर अंकुश लगाने के एक और प्रयास के रूप में ‘ट्राई’ ने अपनी सिफारिश में कहा कि सी.एन.ए.पी.सेवा के अंतर्गत मोबाइल फोन की स्क्रीन पर काल करने वाले का नाम प्रदॢशत करने की व्यवस्था शुरू की जाए। मोबाइल फोन कनैक्शन लेते समय भरे जाने वाले ग्राहक आवेदन पत्र (सी.ए.एफ.) में दिए गए नाम एवं पहचान विवरण का इस्तेमाल सी.एन.ए.पी. सेवा के दौरान किया जा सकता है। हालांकि स्वदेशी स्मार्टफोन टूल और ‘ट्रूकॉलर’ एवं ‘भारत कालर’ जैसे ऐप भी कॉल करने वाले के नाम की पहचान और स्पैम पहचान की सुविधाएं देते हैं लेकिन ये सेवाएं लोगों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित हैं जो हमेशा विश्वनीय नहीं होतीं।
ट्राई ने नवम्बर 2022 में इस संबंध में हितधारकों, जनता और उद्योग की टिप्पणियां मांगी थीं तथा दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि कॉल रिसीव करने वाले को पता लगना चाहिए कि कौन काल कर रहा है। इस सुविधा के शुरू होने पर उपभोक्ताओं को अक्सर आने वाली अनचाही काल से छुटकारा पाने में काफी मदद मिलेगी।