यह है भारत देश हमारा ‘बूढ़े मां-बाप को’ फुटपाथ पर बिठाने और  ‘चोकर की रोटी खिलाने वाली संतानें’

Edited By Pardeep,Updated: 21 Nov, 2018 04:07 AM

the old parents to lay on the sidewalk and the children who sprinkle bran bread

भारत में बुजुर्गों को प्राचीनकाल में अत्यंत सम्मानजनक स्थान प्राप्त था और संतानें अपने माता-पिता के प्रत्येक आदेश का पालन करती थीं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हैं जिन्होंने अपने पिता अयोध्या नरेश महाराजा दशरथ द्वारा माता...

भारत में बुजुर्गों को प्राचीनकाल में अत्यंत सम्मानजनक स्थान प्राप्त था और संतानें अपने माता-पिता के प्रत्येक आदेश का पालन करती थीं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हैं जिन्होंने अपने पिता अयोध्या नरेश महाराजा दशरथ द्वारा माता कैकेयी को दिए गए वचन को सच सिद्ध करने के लिए, महाराजा दशरथ द्वारा उन्हें दिया गया 14 वर्ष का वनवास सहर्ष स्वीकार किया था। 

इसे एक विडम्बना ही कहा जाएगा कि अपने माता-पिता के प्रति आज की संतानों का आचरण प्राचीनकाल के उच्च आदर्शों के सर्वथा विपरीत हो गया है और संतानों द्वारा अपने माता-पिता से दुव्र्यवहार का रुझान अत्यधिक बढ़ जाने के कारण अनेक बुजुर्ग माता-पिता की स्थिति दयनीय होकर रह गई है। इसीलिए हम अपने लेखों में बार-बार लिखते रहते हैं कि माता-पिता अपनी सम्पत्ति की वसीयत तो बच्चों के नाम अवश्य कर दें परंतु इसे ट्रांसफर कदापि न करें। ऐसा करके वे अपने जीवन की संध्या में आने वाली अनेक परेशानियों से बच सकते हैं। 

हाल ही में तीन ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें या तो माता-पिता को अपनी संतानों के हाथों उत्पीडऩ का शिकार होना पड़ा या न्याय पाने के लिए न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। &0 अक्तूबर को पानीपत के बडशाम गांव में 70 वर्षीय बिशन सिंह ने जब अपने हिस्से की जमीन पर जबरदस्ती बुआई कर रहे अपने छोटे बेटे नरेंद्र और उसके साले को रोका तो दोनों ने मिल कर उसकी हत्या कर दी और बीच-बचाव कर रही मां को भी पीट डाला। वृद्धा के अनुसार उनके बेटे और उसके साले ने जान बचाकर भाग रहे बिशन सिंह का पीछा कर गला दबाकर नीचे पटक दिया और उसके गुप्तांग व छाती में लातें मारीं। 

16 नवम्बर को उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बेबस माता-पिता न्याय की गुहार लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे। 78 वर्षीय श्री शिव प्रकाश शुक्ला ने आरोप लगाया कि उनके इकलौते सगे बेटे और उसकी पत्नी ने मारपीट की धमकी देकर और धोखे से पूरी जमीन-जायदाद अपने नाम लिखवाने के बाद उनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करना शुरू कर दिया। नौबत यहां तक आ गई कि भोजन में आटे की जगह चोकर की रोटी और खराब हो चुकी सब्जी परोसी जाने लगी। विरोध करने पर कलियुगी बेटे और बहू ने दोनों के हाथ-पैर बांध कर कमरे में बंद कर दिया और शोर मचाने पर जब उन्हें पीट कर घर से बाहर निकाल दिया तो दोनों बुजुर्ग फुटपाथ पर रहने और भीख मांग कर पेट भरने के लिए मजबूर हो गए।

अब पुलिस ने बेटे के विरुद्ध उत्पीडऩ की रिपोर्ट दर्ज करते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित करने के अलावा बुजुर्ग दम्पति को उनकी बेटी के घर भेज दिया है। और अब ऐसा ही एक अन्य मामला पंजाब में मोगा के भिंडरखुर्द गांव में 2 बेटों और 2 बहुओं द्वारा 5 वर्ष पूर्व मारपीट कर घर से निकाली गई ताम्रपत्र प्राप्त स्वतंत्रता सेनानी तारा सिंह की पत्नी 92 वर्षीय बचन कौर का है। घर से निकाले जाने के बाद वह अपने मायके में भाई के पास रहने को विवश थीं लेकिन उनकी इ‘छा थी कि वह अपने पति के पुश्तैनी मकान में ही अंतिम सांस लें। लिहाजा उन्होंने पांच वर्ष पूर्व अदालत में केस दायर किया था जिसके बाद अंतत: 16 नवम्बर को उन्हें न्याय मिला और अब वह अपने घर में रह रही हैं। साथ ही महिला कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई है कि वह दिन में 2 बार जाकर देखे कि वृद्धा घर में ही रह रही है। 

इसके अलावा वर्ष 2016 से वृद्धा को प्रतिमास 1500 रुपए खर्च देने का आदेश नहीं मानने पर अदालत ने वृद्धा के बेटों को अढ़ाई साल का गुजारा भत्ता 72,000 रुपए अदालत में जमा करवाने और इसके अलावा वृद्धा को प्रतिमास 1500 रुपए देने का आदेश भी दिया है। उक्त तीनों ही घटनाएं इस बात की साक्षी हैं कि आज बुजुर्ग अपनी ही संतानों के हाथों किस कदर उत्पीड़ित और अपमानित हो रहे हैं। यदि पुलिस और न्यायपालिका इनकी रक्षा के लिए न हो तो आज की कलियुगी संतानें तो अपने माता-पिता को सड़क पर बिठाने में और भूखे मारने में कोई कसर ही न रहने दें।—विजय कुमार 

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!