कोविड का खतरा बरकरार, संयम की जरूरत

Edited By ,Updated: 05 Aug, 2021 06:30 AM

the threat of covid remains the need for restraint

सरकार द्वारा संचालित मीडिया में बार बार चलने वाले संदेशों, मोबाइल पर बजने वाली रिंगटोन्स और कोविड प्रोटोकॉल का अनुसरण करने व सावधानियां बरतने की जरूरत शायद हमारे कानों को चिढ़ाने वाली बातें हो सकती

सरकार द्वारा संचालित मीडिया में बार बार चलने वाले संदेशों, मोबाइल पर बजने वाली रिंगटोन्स और कोविड प्रोटोकॉल का अनुसरण करने व सावधानियां बरतने की जरूरत शायद हमारे कानों को चिढ़ाने वाली बातें हो सकती हैं मगर वास्तविकता यह है कि देश में कोविड की स्थिति खतरनाक रूप धारण कर रही है। 

नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार आर फैक्टर यानी  री-प्रोडक्टिव फैक्टर जोकि प्रति व्यक्ति संक्रमण के बारे में वृद्धि दर दर्शाता है, आठ राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में बढ़ रहा है। सबसे वृद्धि वाला फैक्टर ज मूृ-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में दिखाई देता है। अन्य राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश जोकि सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उनमें तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, पुड्डुचेरी तथा लक्षद्वीप शामिल हैं। 

आर फैक्टर दर 0.6 दर तक गिर गई है तथा कई क्षेत्रों में यह 1.4 से ज्यादा दर्ज की गई है। सरकार के साथ कार्य कर रहे विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह वृद्धि दर्शाती है कि कोविड संक्रमित लोगों की गिनती में इजाफा हो रहा है तथा भारत में तीसरी लहर आ सकती है। 

कोविड का डेल्टा वेरिएंट जोकि वास्तव में भारत में ही विकसित हुआ था, वर्तमान में चीन सहित अन्य कई देशों में डरावनी स्थिति पैदा कर रहा है। विभिन्न देशों में लॉकडाऊन लगाए गए हैं तथा कोविड की इस नई किस्म के खिलाफ हाई अलर्ट जारी किए हैं। डेल्टा वेरिएंट ने संक्रमण को लेकर अमरीका में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की है।

दक्षिण अमरीका और उसके साथ लगते क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की वृद्धि दर्ज की गई है। हम अभी भी नहीं जानते कि मौतों का सही आंकड़ा क्या है। न ही हम देश में संक्रमित लोगों की कुल वास्तविक सं या का अनुमान लगा सकते हैं। आधिकारिक आंकड़े इस सं या को 3.7 करोड़ से ज्यादा दर्शाते हैं और 4.25 लाख मौतें रिकार्ड की गई हैं। ऐसा माना जाता है कि वास्तविक आंकड़े आधिकारिक आंकड़ों से कहीं ज्यादा हो सकते हैं। ऐसी शंका है कि आधिकारिक आंकड़े वास्तविक आंकड़ों से कहीं नीचे हैं। 

मगर अब जो गम्भीर चिन्ता वाली बात है वह यह है कि लोगों का बर्ताव बेहद लापरवाही वाला है। हम सबने कोविड प्रोटोकॉल को मानना बंद कर दिया है तथा यह मानना शुरू कर दिया है कि हमें कुछ भी होने वाला नहीं है। हमने पर्यटन स्थलों, शॉपिंग मालों तथा बाजारों में हजारों की सं या में भीड़ जुटती देखी है। कुछ राज्य सरकारों ने शैक्षिक संस्थानों को खोलने की अनुमति दे दी है। मीडिया में प्रकाशित चित्र दर्शाते हैं कि छोटे बच्चों को किस तरह हम जोखिम में डाल रहे हैं क्योंकि सरकार द्वारा संचालित कुछ स्कूल नियमों की अवहेलना करते हैं। बच्चों की देखभाल के लिए हमें और स त होने की जरूरत है क्योंकि छोटे बच्चे जल्द ही चपेट में आ जाएंगे यदि भारत में तीसरी लहर आ गई। 

मंगलवार को भारत में 42,497 कोविड के नए मामले दर्ज किए गए। पिछले कुछ दिनों में प्रतिदिन यह गिनती 40,000 से ऊपर की है। इस दौरान केरल में मंगलवार को कोविड-19 के मामले 23,500 को पार कर गए जोकि पिछले 2 महीनों में किसी भी राज्य द्वारा एक दिन में सबसे ज्यादा रिकार्ड मामले हैं। ऐसी संख्या तथा आंकड़े बेहद डरावने हैं।

दूसरी लहर के दौरान देश तथा लोग कोविड 19 की पकड़ में आ गए थे जिसके चलते कई मौतें होने का दावा किया गया था। दूसरी लहर से संक्रमित लोगों की गिनती भी बेहद चौंकाने वाली थी। सरकार एक निश्चित दिखाई देने वाली तीसरी लहर के लिए तैयारियां कर रही है मगर आम लोगों के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता। ऐसे लोग न केवल अपना जीवन जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि अपने नजदीकियों तथा बच्चों का जीवन भी खतरे में डाल रहे हैं।-विपिन पब्बी
 

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