Edited By Pardeep,Updated: 22 Nov, 2018 05:13 AM
बम और बंदूकों से परे ‘स्मार्टफोन’ आतंकवादियों के लिए एक शक्तिशाली हथियार साबित हो सकता है लेकिन साथ ही ये खुफिया सेवाओं के लिए उनका (आतंकवादियों का) पता लगाने का एक जरिया भी बन सकता है। आज से ठीक 3 वर्ष पहले 13 नवम्बर 2015 को हुआ पैरिस हमला इस बात...
बम और बंदूकों से परे ‘स्मार्टफोन’ आतंकवादियों के लिए एक शक्तिशाली हथियार साबित हो सकता है लेकिन साथ ही ये खुफिया सेवाओं के लिए उनका (आतंकवादियों का) पता लगाने का एक जरिया भी बन सकता है। आज से ठीक 3 वर्ष पहले 13 नवम्बर 2015 को हुआ पैरिस हमला इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि इतने बड़े स्तर पर हमले की तैयारी बिना फोन के नहीं हो सकती थी।
पूर्व फ्रांसीसी आतंकवाद निरोधक अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि इस्लामिक स्टेट समूह के बंदूकधारी और हमलावर, जिन्होंने ‘बैटाक्लान कंसर्ट हॉल’ और नाइटलाइफ वाली अन्य जगहों पर हमला किया, ने इस नरसंहार को अंजाम देने के लिए आपस में समन्वय स्थापित करने हेतु इनका (फोन का) बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया था। ‘बैटाक्लान कंसर्ट हॉल’ में हुए हमले में 90 लोग मारे गए थे।
पूर्व अधिकारी ने बताया कि ईराक में वर्ष 2003 में अमरीकी काफिले के गुजरते समय एस.एम.एस. भेज देसी बम विस्फोट किए गए थे। इसके बाद अल-कायदा ने लगातार इसका इस्तेमाल किया। इन दिनों टैलीग्राम, वायर और व्हाट्सएप जैसे एप भी जेहादियों की मदद कर सकते हैं। कई सालों से आई.एस. ने कई क्षेत्रों में ऑनलाइन ट्यूटोरियल प्रकाशित किए हैं, जो जेहादियों को बताते हैं कि युद्ध क्षेत्र में बचने के लिए सबसे अच्छा सॉफ्टवेयर कैसे चुनें।
सुरक्षा समूह ‘सिमेंटेक’ में सुरक्षा रणनीतियों के निदेशक लॉरेन हेस्लाल्ट ने कहा, ‘‘फोन अब सिर्फ फोन नहीं हैं, वे अब कम्प्यूटर हैं।’’ सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा कि स्क्रीन पर एक स्वाइप के साथ ही स्मार्टफोन लोगों तक पहुंचने में सक्षम बना देता है। इससे जेहादियों के लिए नए सदस्यों को खुद से जोडऩा भी आसान हो गया है।दूसरी ओर, सरकार ने भी चरमपंथियों का पता लगाने के लिए फोन डाटा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है। पूर्व फ्रांसीसी अधिकारी ने बताया कि माली में फ्रांसीसी सैन्य अधिकारियों ने वर्ष 2013 में जेहादियों के देश के उत्तरी हिस्से पर कब्जा करने के बाद फोन डाटा के आधार पर ही हवाई हमले करने के लिए स्थानों को चुना था। उन्होंने कहा, ‘‘आजकल सभी हवाई हमले फोन पर केन्द्रित होते हैं।’’