पश्चिमी संचालन जोन का पावरकॉम के राजस्व में अहम योगदान

Edited By ,Updated: 14 Mar, 2024 05:43 AM

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26 जनवरी 2023 से जग बाणी,पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स तथा हिंद समाचार पत्रों में निरंतर 60 सप्ताहों के लिए पंजाब में बिजली के इतिहास, प्रसार और उपलब्धियों संबंधी कालम के सफर का अब अंतिम पड़ाव आ गया है।

26 जनवरी 2023 से जग बाणी,पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स तथा हिंद समाचार पत्रों में निरंतर 60 सप्ताहों के लिए पंजाब में बिजली के इतिहास, प्रसार और उपलब्धियों संबंधी कालम के सफर का अब अंतिम पड़ाव आ गया है।  इन 14 महीनों में पंजाब में बिजली के इतिहास, प्रसार और उपलब्धियों संबंधी आलेखों के शीर्षक के इर्द-गिर्द रंगीन तस्वीरें भी प्रकाशित की गईं। पंजाब के बिजली के थर्मल, हाइडल प्रोजैक्टों, पंजाब में बिजली उपभोक्ताओं की उपभोग संबंधित सहूलियतों, नीतियों और स्मार्ट मीटरों संबंधी जानकारी भरपूर कालम प्रकाशित किए गए। इन कालमों की छपाई में पावरकॉम के वरिष्ठ अभियंताओं और हिंद समाचार ग्रुप के प्रबंधकों का मैं दिल से आभारी हूं जिनके आशीर्वाद से यह कालम निरंतर प्रकाशित होते रहे।

पश्चिम संचालन जोन : पावरकॉम के पश्चिम संचालन जोन के अतिरिक्त निगरान अभियंता इंजी. त्रिलोचन सिंह बराड़ के अनुसार पावरकॉम का पश्चिमी जोन 1996 में अस्तित्व में आया जो बिजली की पैदावार और आबंटन का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। 1996 से पहले इस जोन का क्षेत्र दक्षिण जोन पटियाला के साथ जुड़ा रहा। पावरकॉम के संचालन जोन पश्चिम के मुख्य अभियंता इंजी. हरप्रवीण सिंह बिंद्रा के अनुसार पंजाब की जीवंत बिजली आबंटन प्रणाली में पश्चिमी जोन जिसमें बठिंडा, मानसा,मोगा, फरीदकोट, फिरोजपुर, मुक्तसर और फाजिल्का जिले शामिल हैं, कुल 23 में से 7 जिलों की ऊर्जा संबंधित जरूरतों को पूरा करता है। पश्चिमी जोन ने धान की काश्त के बढ़ रहे सैक्टर की बढ़ती हुई बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए इस बदलाव के लिए संजीदा जवाब दिया है।

वर्तमान में पश्चिमी जोन इस बढ़ रहे धान की खेती के लिए 4,43,256 कुल कनैक्शन संख्या के साथ लाखों कृषि ट्यूबवैल उपभोक्ता की सफलतापूर्वक सेवा कर रहा है। इन कृषि ट्यूबवैल उपभोक्ताओं का कनैक्टिड लोड 33,73,436 के.डब्ल्यू.एच. है जोकि पंजाब की अर्थव्यवस्था के तौर पर पश्चिमी जोन की बहुमूल्य भूमिका को दर्शाता है।  पावरकॉम के संचालन पश्चिम क्षेत्र के उप मुख्य अभियंता इंजी. रूपाली धालीवाल के अनुसार पश्चिम जोन कुल 23,33,815 बिजली उपभोक्ताओं की सेवा करता है जो इसके संचालन की विशाल श्रेणी और महान गति को दर्शाता है। सभी बिजली उपभोक्ताओं का संयुक्त कनैक्टिड लोड 83,98,571 किलोवाट है।

मुख्य अभियंता इंजी. हरप्रवीण सिंह बिंद्रा का कहना है कि पश्चिमी संचालन जोन का पावरकॉम के राजस्व में अहम योगदान है। पावरकॉम पश्चिमी जोन के प्रमुख उपभोक्ताओं में से एच.एम.ई.एल. रामा रिफाइनरी 235 मैगावाट के जुड़े लोड के साथ सबसे बड़ी है। मैसर्ज नैस्ले इंडिया लिमिटेड, मैसर्ज अम्बुजा सीमैंट, मैसर्ज एन.एफ.एल., मैसर्ज स्पोर्ट किंग इंडस्ट्रीज, मैसर्स सेतिया पेपर मिल्स प्रा.लि., एस.ई.एल. टैक्सटाइल लिमिटेड और मैसर्ज पंजाब स्पिनटैक्स जैसे महत्वपूर्ण योग्य औद्योगिक दिग्गज सैक्टरों को शक्ति प्रदान करने में पश्चिम जोन की अटूट भूमिका है। यह स्पष्ट तौर पर पश्चिमी जोन की ओर से औद्योगिक विकास के लिए किए गए महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।

पावरकॉम के संचालन क्षेत्र बठिंडा के उप-मुख्य अभियंता हरीश कुमार गोठवाल ने पंजाब के उपभोक्ताओं को बिजली की चोरी को रोकने के लिए पावरकॉम को सहयोग देने की अपील की है। पावरकॉम के संचालन क्षेत्र फिरोजपुर के निगरान अभियंता इंजी. धर्मपाल ने अपने एक संदेश में पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली की बचत करने की अपील की है। पावरकॉम के संचालन क्षेत्र फरीदकोट के उप-मुख्य अभियंता इंजी. संदीप गर्ग के अनुसार फरीदकोट सर्कल 5,75,125 बिजली उपभोक्ताओं के घरों को रोशना रहा है।

वहीं पावरकॉम के संचालन क्षेत्र श्री मुक्तसर साहिब के निगरानी अभियंता इंजी. बाबू लाल ने बताया कि संचालन क्षेत्र मुक्तसर साहिब 6,07,067 बिजली उपभोक्ताओं के घरों को रोशना रहा है। पावरकॉम के मुख्य अभियंता सिविल इंजी. गुरपाल सिंह रहल के अनुसार बिजली की निॢवघ्न आपूर्ति के लिए बिजली के पोलों की बहुत जरूरत होती है। पावरकॉम के पास 3 पायलट वर्कशाप हैं जिनमें से एक मोहाली, एक श्रीमुक्तसर साहिब और एक सरना (पठानकोट) में स्थापित है।

इन वर्कशापों में 9 मीटर और 11 मीटर लम्बे बिजली के पोलों पी.सी.सी. और पोल आर.सी.सी. एंकर ब्लाकों की बनावट का काम किया जाता है। यह पोल और एंकर ब्लाक बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली की निॢवघ्न आपूर्ति को यकीनी बनाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं। 9 मीटर के पोल को 200 किलोग्राम और 11 मीटर के पोल को 363 किलोग्राम के वर्किंग लोड के लिए डिजाइन किया गया है। सबसे पहले मोहाली की वर्कशाप स्थापित की गई थी।

वर्कशापों की रोजाना 9 मीटर के करीब 185 पोल बनाने की  क्षमता मोहाली के पास, 141 श्री मुक्तसर साहिब और 123 सरना तथा 11 मीटर के पोल बनाने की लगभग क्षमता मोहाली में 7, मुक्तसर साहिब में 7 और सरना में 7 ही रखी गई है। वर्कशापों में पोल बनाने का कार्य अनुबंध के आधार पर किया जाता है। -मनमोहन सिंह (सेवानिवृत्त उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)

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