Edited By ,Updated: 17 Mar, 2022 06:05 AM

उपरोक्त पंक्तियां युवा पीढ़ी को आह्वान कर रही हैं कि वह आगे आकर देश को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएं। आज भारत दुनिया में एक ‘युवा देश’ के तौर पर देखा जाता है। जहां अमरीका में सिर्फ 44 मिलियन
‘कर्म अश्व चेतक को लेकर,
महाराणा सा इतिहास करो।
वीर शिवाजी बनकर के तुम,
बुराइयों का सर्वनाश करो॥’
उपरोक्त पंक्तियां युवा पीढ़ी को आह्वान कर रही हैं कि वह आगे आकर देश को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएं। आज भारत दुनिया में एक ‘युवा देश’ के तौर पर देखा जाता है। जहां अमरीका में सिर्फ 44 मिलियन युवा हैं, वहीं भारत में 229 मिलियन युवा हैं, जो भारत को एक मजबूत देश बनाता है। ऐसे में जब बात युवा पीढ़ी की हो रही है तो भगत सिंह और कैप्टन विक्रम बत्तरा का नाम आना लाजिमी है।
चाइल्ड लाइन इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 13 प्रतिशत युवा नशे की चपेट में हैं। जहां भारत के वीर बेटों की बहादुरी पर पूरे देश को गौरव महसूस होता है, वहीं नशे की गिरफ्त में जाते हुए युवाओं को देख, भारत मां को ठेस पहुंचती है। जैसा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है, ‘ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं। वे हमीं हैं जो अपनी आंखें बंद कर लेते हैं और फिर रोते हैं कि अंधकार है’। भारतीय युवा पीढ़ी चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती, वह चाहे तो आज भारत विश्व की सबसे बड़ी सैन्य तथा आॢथक शक्ति वाला देश बन सकता है। भारतीय युवा पूरी दुनिया में ख्याति अर्जित कर, भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। यदि भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना चाहते हैं तो जरूरत है इच्छाशक्ति की। भारतीय युवाओं को कुछ पहलुओं पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है :
-डिप्रैशन एवं मानसिक तनाव : भारतीय युवाओं को जरूरत है कि वे खुल कर इस विषय पर बातचीत करें तथा समाज में जागरूकता फैलाएं।
-सोशल मीडिया की बढ़ती लत : आज के युवा को इंटरनैट की दुनिया से ‘लॉग आऊट’ कर रियल जिंदगी में ‘लॉग इन’ करने की जरूरत है।
-बेरोजगारी की समस्या: इस समस्या को सुलझाने के लिए युवा पीढ़ी को ‘स्टार्टअप इंडिया’ एवं ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास’ जैसी योजनाओं से हाथ मिलाना चाहिए।
-डिजिटल निरक्षरता : भारत का डिजिटल निरक्षरता स्तर 40 प्रतिशत है, जो कि ‘डिजिटल इंडिया’ के मिशन में एक बाधा है। युवाओं को ‘राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता अभियान’ के साथ जुडऩा चाहिए, तभी भारत एक ‘डिजिटल गुरू’ बन सकता है। अंत में, अटल बिहारी वाजपेयी जी के अनमोल विचार से युवा पीढ़ी को प्रोत्साहन लेना व आगे बढऩा चाहिए :
‘जलना होगा, गलना होगा, कदम मिला कर चलना होगा।’ आइए एक आधुनिक भारत की आधारशिला में हम सब युवा मिल कर योगदान दें।