Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Oct, 2025 04:33 PM

नौकरीपेशा लोगों की मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा भविष्य निधि (PF) में जाता है लेकिन अब इस पर खतरा मंडरा रहा है। यह पैसा आम आदमी के बुढ़ापे का सहारा होता है, जो रिटायरमेंट के बाद उसे मिलता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताज़ा आंकड़ों के...
बिजनेस डेस्कः नौकरीपेशा लोगों की मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा भविष्य निधि (PF) में जाता है लेकिन अब इस पर खतरा मंडरा रहा है। यह पैसा आम आदमी के बुढ़ापे का सहारा होता है, जो रिटायरमेंट के बाद उसे मिलता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, देशभर की कंपनियों के पास करीब 21,000 करोड़ रुपए का पीएफ बकाया अटका हुआ है।
कई कंपनियां कर्मचारियों के हिस्से का पैसा काट तो लेती हैं लेकिन उसे ईपीएफओ के खाते में जमा नहीं करतीं। इनमें से कई कंपनियां दिवालिया कानून (IBC) के तहत लिक्विडेशन की प्रक्रिया में हैं, जिससे कर्मचारियों की रकम अटकी हुई है।
इस स्थिति पर काबू पाने के लिए ईपीएफओ ने एक टास्क फोर्स गठित की है, जो विशेष रूप से उन कंपनियों पर नजर रखेगी जिन पर 1 करोड़ रुपए से अधिक का पीएफ बकाया है।
डिजिटल डैशबोर्ड और रिकवरी पोर्टल
ईपीएफओ ने इन मामलों की निगरानी के लिए एक डिजिटल डैशबोर्ड तैयार किया है। इसमें रोजाना कंपनियों की स्थिति अपडेट की जाती है। साथ ही एक नया डिजिटल रिकवरी पोर्टल भी बनाया जा रहा है, जिससे बकाया राशि की वसूली की प्रक्रिया तेज़ होगी।
संगठन का लक्ष्य है कि मौजूदा और पिछली बकाया रकम जो लगभग 21 हजार करोड़ रुपए है को जल्द से जल्द कर्मचारियों के खातों में वापस पहुंचाया जाए।